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बांध के गेटों का एलाइनमेंट बिगड़ा, व्यर्थ बह रहा पानी!

locationकोटाPublished: Oct 21, 2019 12:24:11 am

Submitted by:

Anil Sharma

50 साल पुराने राणा प्रताप सागर बांध के गेटों की स्थिति… पानी की आवक ज्यादा होने से बार-बार खोलने पड़े थे गेट…60 फीट ऊंचे और 28 फीट चौड़े 77 टन वजनी गेट को रस्सियों की सहायता से ऊपर उठाया जाता है….

rawatbhata, kota

बांध के गेट के नीचे से रिसते पानी को रोकने में लगे श्रमिक।

रावतभाटा. यहां चम्बल नदी पर स्थित राणा प्रताप सागर बांध करीब 50 वर्ष पुराना हो चुका है। लगातार पानी में डूबे रहने से इसके गेटों में जंग लग गया है। जिससे उनका क्षरण भी होने लगा है। इस सीजन में पानी की बंपर आवक से निकासी के लिए गेटों को बार-बार खोलना व बंद करना पड़ा। ऐसे में कुछ गेटों का एलाइनमेंट बिगड़ गया। जिससे अब ऊपर व नीचे से पानी छलक कर व्यर्थ बह रहा है। इसके बाद बांध में जो पानी शेष रहेगा, उसी से सिंचाई और जल परियोजनाओं, औद्योगिक इकाइयों व लोगों को पेयजल के लिए मिल पाएगा। बार-बार खोलने से हुई समस्याबांध के गेट बार-बार खोले जाने से उनका रोप एलाइनमेंट बिगडऩे की सम्भावना रहती है। 60 फीट ऊंचे और 28 फीट चौड़े 77 टन वजनी गेट को रस्सों की सहायता से खुलने और बंद होने में करीब 16 मिनट का समय लगता है। 17 में से 6 नंबर के गेट में वर्तमान में यह समस्या आ रही है। जिससे इसके ऊपर से पानी छलक रहा है। कुछ गेटों के नीचे से भी पानी रिसाव हो रहा है।
पानी रोकने के लिए लगा रखे हैं श्रमिक
बांध के गेट बंद होने के बाद नीचे से रिसते पानी को रोकने के लिए बांधों के पास बजरी व कंकरीट के ढेर लगा रखे हैं। सिंचाई विभाग की ओर से श्रमिकों को संविदा पर लगा रखा है। जो गेट बंद होने के लिए बांध के गेटों से हो रहे लीकेज को रोकने का काम करते है। इसके लिए श्रमिक देसी जुगाड़ से बाल्टी में बजरी और कंकरीट का मिश्रण बना कर गेट की तलहटी में डालते है। जिससे लीकेज होने वाला पानी संभवतया रूक जाता है।
बांध का होगा जीर्णोद्वार
विभाग के अधिशासी अभियंता पूरणचंद मेघवाल ने बताया कि प्रदेश में बांधों का रखरखाव व जीर्णोद्वार का कार्य अप्रेल माह से शुरू होगा। राणा प्रताप सागर बांध के लिए 44.8 करोड़ व जवाहर सागर बांध के लिए 37 करोड़ की अनुमानित राशि की मांग की थी। विश्व बैंक से इन बांधों समेत अन्य बांधों के जीर्णोद्वार के लिए राशि स्वीकृत हुई है। नवमबर महीने में गेटों की स्थिति जांचने के लिए पानी में वीडियोग्राफी होगी।
जांच के लिए केन्द्र से आएगी विशेष टीम
अधिशासी अभियंता मेघवाल ने बताया कि बांध के मरम्मत व जीर्णोद्वार में लगने वाली वास्तविक राशि की लागत निकालने के लिए केन्द्र जल आयोग की ओर से गठित विशेष टीम दिल्ली से ट्रेनिंग आने वाली है। सिचाई विभाग के अधिकारी व टीम के सदस्य पूरे बांध का सही से निरीक्षण करके मरम्मत व जीर्णोद्वार में खर्च होने वाली वास्तविक लागत की प्रोजेक्ट स्केनिंग बेबलेट रिपोर्ट बना कर 31 दिसम्बर से पहले दिल्ली भेजेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर टेंडर प्रक्रिया होने के बाद बांध की मरम्मत व जीर्णोद्वार किया जाएगा।
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