चिकित्सा सेवाओं का किया बहिष्कार
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजस्थान ने (आईएमए) ने 24 घंटे अस्पताल बन्द करने का ऐलान किया। इससे ओपीडी में आने वाले मरीज परेशान रहे। अस्पताल में पहले से भर्ती मरीजों को ही देखा गया। आईएमए राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा ने बताया कि बुधवार सुबह 6 बजे से गुरुवार सुबह 6 बजे तक प्रदेश के सभी अस्पताल बन्द रहे। इमरजेंसी सेवा भी बन्द रखी गई। कोटा में करीब 150 अस्पताल हैं। जिन्होंने ओपीडी व इमरजेंसी सेवा बन्द रखी। प्रसूता की दुखद मौत एक मेडिकल एक्सीडेंट है। पुलिस प्रशासन ने प्रोटेक्शन देने के बजाय डॉक्टर पर गलत धाराओं में मामला दर्ज किया। इसी कारण उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। दिवंगत डॉ. अर्चना शर्मा के दोषियों पर 302 में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग पूरे राज्य में की जा रही है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजस्थान ने (आईएमए) ने 24 घंटे अस्पताल बन्द करने का ऐलान किया। इससे ओपीडी में आने वाले मरीज परेशान रहे। अस्पताल में पहले से भर्ती मरीजों को ही देखा गया। आईएमए राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा ने बताया कि बुधवार सुबह 6 बजे से गुरुवार सुबह 6 बजे तक प्रदेश के सभी अस्पताल बन्द रहे। इमरजेंसी सेवा भी बन्द रखी गई। कोटा में करीब 150 अस्पताल हैं। जिन्होंने ओपीडी व इमरजेंसी सेवा बन्द रखी। प्रसूता की दुखद मौत एक मेडिकल एक्सीडेंट है। पुलिस प्रशासन ने प्रोटेक्शन देने के बजाय डॉक्टर पर गलत धाराओं में मामला दर्ज किया। इसी कारण उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। दिवंगत डॉ. अर्चना शर्मा के दोषियों पर 302 में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग पूरे राज्य में की जा रही है।
सेवारत चिकित्सकों ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार किया
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर सेवारत चिकित्सकों ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार कर विरोध-प्रदर्शन किया। सभी सीएचसी, पीएचसी और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में श्रद्धांजलि दी गई। संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन देकर मानसिक प्रताड़ना करने वाले दोषियों के खिलाफ 302 में मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने पर जोर दिया। सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि डॉ. अर्चना शर्मा का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। कोटा सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित गोयल ने बताया कि सभी अस्पतालों के डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। डॉ. हेमंत गुप्ता, डॉ. कुलदीप राणा, डॉ. मुकेश मालव, डॉ. खरोलीवाल, डॉ. ज्ञानसिंह चौधरी, डॉ. राकेश, डॉ. नीरू सिसोदिया, डॉ. राजीव मीणा, डॉ. अमित जोशी, डॉ. अमित यादव, डॉ. विजय, डॉ. जितेंद्र डंग सहित सभी चिकित्सक उपस्थित रहे।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर सेवारत चिकित्सकों ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार कर विरोध-प्रदर्शन किया। सभी सीएचसी, पीएचसी और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में श्रद्धांजलि दी गई। संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन देकर मानसिक प्रताड़ना करने वाले दोषियों के खिलाफ 302 में मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने पर जोर दिया। सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि डॉ. अर्चना शर्मा का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। कोटा सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित गोयल ने बताया कि सभी अस्पतालों के डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। डॉ. हेमंत गुप्ता, डॉ. कुलदीप राणा, डॉ. मुकेश मालव, डॉ. खरोलीवाल, डॉ. ज्ञानसिंह चौधरी, डॉ. राकेश, डॉ. नीरू सिसोदिया, डॉ. राजीव मीणा, डॉ. अमित जोशी, डॉ. अमित यादव, डॉ. विजय, डॉ. जितेंद्र डंग सहित सभी चिकित्सक उपस्थित रहे।
डॉक्टर बोले, गलत दर्ज हुई एफआईआर
चिकित्सकों ने दिवगंत डॉक्टर के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जब भी किसी अस्पताल में किसी मरीज की संदिग्ध अवस्था में मौत होती है तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित करके जांच की जाती है। उसके बाद अगर कमेटी को प्रथम दृष्टया मेडिकल नेगलिजेंस प्रतीत होती है, तब रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अस्पताल अथवा चिकित्सक के खिलाफ नोटिस जारी करके आगे की कार्रवाई की जाती है। इस प्रकरण में राजनीतिक दबाव में आकर बिना किसी जांच के पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 में डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
चिकित्सकों ने दिवगंत डॉक्टर के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जब भी किसी अस्पताल में किसी मरीज की संदिग्ध अवस्था में मौत होती है तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित करके जांच की जाती है। उसके बाद अगर कमेटी को प्रथम दृष्टया मेडिकल नेगलिजेंस प्रतीत होती है, तब रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अस्पताल अथवा चिकित्सक के खिलाफ नोटिस जारी करके आगे की कार्रवाई की जाती है। इस प्रकरण में राजनीतिक दबाव में आकर बिना किसी जांच के पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 में डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
चिकित्सकों ने ये मांगें उठाई
- डॉक्टर अर्चना शर्मा और डॉ. सुनीत उपाध्याय पर धारा 302 लगाने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो। उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाए।
- शव को अस्पताल वापस लाने वाले लोगों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
- जेकब मैथ्यू केस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश की पालना कराई जाए। इसको लेकर नई एसओपी जारी की जाए।
- डॉक्टर अर्चना शर्मा और डॉ. सुनीत उपाध्याय पर धारा 302 लगाने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो। उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाए।
- शव को अस्पताल वापस लाने वाले लोगों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
- जेकब मैथ्यू केस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश की पालना कराई जाए। इसको लेकर नई एसओपी जारी की जाए।