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कोरोना को लेकर हर सवाल का जवाब

locationकोटाPublished: Apr 15, 2021 01:07:48 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

कोटा में कोरोना बेकाबू हो चुका है। इस बीमारी के प्रति आमजन में काफी डर बना हुआ है, लेकिन हम कुछ ऐसी चीजें है जो घर पर ही रहकर इनका इस्तेमाल कर कोरोना से बचाव व मुकाबला कर सकते है।
 

कोरोना को लेकर हर सवाल का जवाब

कोरोना को लेकर हर सवाल का जवाब

कोटा. कोटा में कोरोना बेकाबू हो चुका है। इस बीमारी के प्रति आमजन में काफी डर बना हुआ है, लेकिन हम कुछ ऐसी चीजें है जो घर पर ही रहकर इनका इस्तेमाल कर कोरोना से बचाव व मुकाबला कर सकते है। बावजूद यदि कोरोना हो जाए तो कैसे आप उसका उपचार कर ठीक हो सकते है। कोरोना के ये छोटे-छोटे सवाल है, जो आपके लिए जानना जरुरी है। हमने कोटा मेडिकल कॉलेज के आचार्य डॉ. मनोज सालूजा व सह आचार्य व सीनियर फिजिशियन डॉ. पंकज जैन से बात कर सवालों के जवाब लिए…।
सवाल: कोरोना क्या है।

जवाब: कोरोना वायरस जनित बीमारी है, जो सार्स को वि-2 नाम के वायरस से होता है।

सवाल: कोरोना कैसे होता है।

जवाब: यह एक तरह की संक्रामक बीमारी है, जो एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में छीकने, खांसने व बोलने से निकली हुई कणिकाओं के माध्यम से फैलता है।
सवाल: कोरोना होने के बाद कैसे उपचार लें।

जवाब: लक्षण दिखते ही चिकित्सक को दिखाएं। अगर लक्षण माइल्ड कैटेगिरी के होते है। सेचुरेशन स्थिर रहता है। ऐसी स्थिति में मरीज को होम आइसोलेट कर उपचार दिया जाता है, किन्तु ऑक्सीजन सेचुरेशन के निरंतर गिरावट, बीपी लो होने, बुखार कम नहीं होने की स्थिति में सीटी स्कैन करवाया जाता है। उसमें स्कोर 9 से ऊपर होने पर भर्ती होने की सलाह दी जाती है।
सवाल: कोरोना की कोई दवाई नहीं, फिर कैसे ठीक हो रहे

जवाब: वायरस जनित रोग कई बार स्वत: ठीक हो जाते है। ऐसे में माइल्ड कैटेगिरी के कोरोना मरीज पांच से सात दिन के सामान्य आइसोलेशन व उपचार से स्वत: ठीक हो जाते है, लेकिन मरीज गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचे। इसके लिए कुछ दवाइयां डोक्सी साइक्लिन, आइवर मैक्टिन, हाइड्रोक्सी क्लारोक्विन दवइयां दी जाती है। ये दवाइयां कोरोना में इनडारेक्टली काम करती है। भर्ती मरीजों में कुछ दवाइयां दी जाती है, जैसे रेमडेसीविर और उनका वैज्ञानिक विशलेष उपलब्ध है। यह दवा वायरस के शरीर में रिपलिकेशन को रोककर वायरस लोड बढ़ाने से रोकती है। रेमडेसीविर एक बेहद प्रभावी दवा है, जो पहले 9 दिन में दिए जाने पर ही लाभ देती है। वायरस का रिपलिकेशन प्रारंभिक नौ दिनों में ही अधिक होता है। कोरोना के कॉम्पलिकेशन के पीछे मुख्यत दो कारण होते है। एक रक्त नलिका में धक्के जमना, जो कि सभी अंगों को प्रभावित करता है। दूसरा कारण, साइटोकाइन स्ट्रार्म, इसमें शरीर की प्रतिरोधक कोशिकाओं से साइटोकाइन रिलीज होते है, जो मल्टी आर्गेन फेलियर व श्वसन तंत्र फेलियर का कारण बनते है।
सवाल: कोरोना होने के बाद खानपान का क्या ध्यान रखें।

जवाब:संतुलित व पोषिटक आहार लें, जैसे दूध, छाछ, मौसमी फल, चपाती, दालें, हरी सब्जियां का सेवन करें। मूंगफली दानें, चने, बादाम, सूखे मैवे का सेवन करें। धुम्रपान, शराब, चाय कॉपी से परहेज रखें।
सवाल: कोरोना मरीज पॉजिटिव होने व नहीं होने पर कैसे व्यायाम करें।

जवाब: योगा, प्रणायाम, श्वांस संबंधित कसरत, एसपाइरोमीटरी एक्सरसाइज करें। इससे लंग्स को मजबूती मिलेगी। स्वस्थ आदमी संक्रमण से बचने के लिए संतुलित व पौष्टिक आहार, आधा घंटे टहले, साइकिलिंग करें, स्विमिंग करें। घर से बाहर नहीं निकलना चाहते तो छत पर टहल सकते है।
सवाल: कोरोना की जांच कहां होती है।

जवाब: सरकारी डिस्पेंसरी तथा मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, एमबीएस अस्पताल की लैब में जांच की सुविधा है। यदि ट्रेन से आ रहे तो स्टेशन व रोडवेज बस से आ रहे तो नए बस स्टैण्ड व पुराने बस स्टैण्ड पर जांच की सुविधा है।
सवाल: कोरोना की जांच नहीं करवाने से क्या नुकसान होता।

जवाब: लक्षण होने के बावजूद भी कुछ लोग कोरोना की जांच से बचते है। इससे परिवार व समुदाय में संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। खुद को भी गंभीर अवस्था में पहुंचने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में समय पर जांच करवाने से इलाज मिलने पर स्वस्थ होने की संभावना रहती है। संक्रमण बढऩे का खतरा नहीं रहता है।
सवाल: नियमित जीवनशैली में क्या शामिल कर सकते है।

जवाब: सुबह-शाम गुनगुना पानी, नमक डालकर गरारे करें, भाप लें, कम से कम सात से आठ घंटे की नींद पूरी करें, नियमित रुप से तरल पदार्थों लेते रहे, अनावश्यक रुप से घर से बाहर नहीं निकले, बाहर निकले तो मास्क लगाकर निकले, सोश्यल डिस्टेसिंग का पालन करें, भीड़ का हिस्सा नहीं बने, हाथों को सेनेटाइज करते रहे।
सवाल: छोटे संस्थान जहां जगह की कमी है, वहां कैसे बिठाएं।

जवाब: छोटे संस्थानों में एक दिन छोड़कर एक दिन कर्मचारी को बुलाया जा सकता है, पर्याप्त वेन्टीलेशन होना चाहिए, दूरी में कर्मचारियों को बिठाएं, मास्क को अनिवार्य करें, ग्राहक की समस्या जहां तक हो सके ऑनलाइन हल करने का प्रयास करें, ताकि कम भीड़ आए।
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