रजिस्ट्रेशन काउंटरों पर परामर्श पर्ची के लिए दोपहर एक बजे तक कतारें लगी रही। इस कारण मरीजों व तीमारदारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। 40 सैकण्ड में बनने वाली पर्ची करीब एक से डेढ़ मिनट में बन रही थी। समय ज्यादा लगने से काउंटरों पर रोगियों की लंबी कतारें लगी गई। जिन्हें बार-बार सुरक्षाकर्मी नियंत्रित करते रहे।
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मैन्युअल पर्चियां बनाई मरीजों की परेशानी को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने करीब 9 बजे मैन्यूअल पर्ची बनाने के निर्देश दिए, वहीं कैश काउंटर के सिस्टम को ऑफ लाइन चालू किया तब जाकर जांचें शुरू हो सकी। नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. देवेन्द्र विजयवर्गीय ने बताया कि आरोग्य ऑनलाइन का सर्वर डाउन हो गया था। जिसकी वजह से पूरे राजस्थान के चिकित्सालयों में यही स्थिति रही। करीब पांच घंटे ठप रहा सर्वर दोपहर 12 बजे शुरू हो सका। ऐसे में कामकाज मैन्यूअली चालू करवाया। ताकि मरीज परेशान नहीं हो।
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इधर, करते रहे मरीजों का इंतजार सर्वर डाउन होने की वजह से कई कार्य प्रभावित हुए। पर्ची नहीं कटने से मरीज डॉक्टरों को नहीं दिखा सके, साथ ही दवा भी नहीं ले पाए। ऐसे में ओपीडी में बैठे डॉक्टर और नि:शुल्क दवा काउंटर का स्टाफ मरीजों का इंतजार करते रहे। मरीजों को भर्ती भी नहीं किया जा सका। दूसरी तरफ सर्वर से जुड़े भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों की भर्ती व डिस्चार्ज का काम भी अटक गया।