हाथ कटने के बाद देवीलाल अपाहिज और बेरोजगार हो गया। वह किसी प्रकार की मजदूरी भी नहीं कर पा रहा था। वह काफी कष्ट व परेशानी में जीवन-यापन कर रहा था। जब लुहारिया राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में कार्यरत संस्था प्रधान अशोक कुमार जैन को सोशल मीडिया के जरिए देवीलाल की पीड़ा के बारे में पता चला तो उन्होंने उसकी मदद करने की ठानी। उन्होंने पुणे के ईनाली फाउंडेशन से संपर्क किया। कृत्रिम हाथ लगाने के लिए बातचीत की।
इस पर उन्होंने देवीलाल को पुणे भेजने की योजना बनाई, लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण का प्रभाव अधिक होने से पुणे जाना टलता रहा। इस बीच अशोक कुमार संस्था के संपर्क में बने रहे। संस्था की ओर से सूचना दी गई कि 14, 15 और 16 जनवरी 22 को बीकानेर में कैंप आयोजित किया जाएगा। इसमें देवीलाल को भिजवाएं। इस पर प्रिंसिपल अशोक कुमार ने बीकानेर भिजवाने की व्यवस्था स्कूल के एक शिक्षक बसंतालाल कोली के साथ की।
वजन तक उठा सकता है अब
बीकानेर जाने पर देवीलाल को कृत्रिम हाथ लग गया। देवीलाल अब बाइक चला सकता है, फसल कटाई कर सकता है। 10 किलो तक वजन भी उठा सकता है। अभ्यास करके हाथ से लिख भी सकता है। प्रिंसिपल अशोक कुमार जैन ने बताया कृत्रिम हाथ बैटरी चालित है। 2 दिन तक चार्ज करने के बाद कार्य किया जा सकता है।