आर्टिफिशियल ज्वैलरी महंगे गहनों का विकल्प है। यह ज्वैलरी सोने की ज्वैलरी की तरह दिखती है। महिलाएं अपने शृंगार के लिए आजकल महंगे गहनों की बजाय आर्टिफिशियल ज्वैलरी को ज्यादा पसंद करती है। सोने के जेवर बार-बार नहीं खरीद सकते, जबकि आर्टिफिशियल ज्वैलरी सस्ती होने से महिलाएं बार-बार बदलती रहती हैं। इसके चोरी होने या गुम होने का भी खास नुकसान नहीं होता।
200 से ज्यादा दुकानें शहर में
05 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर सालाना
02 हजार से ज्यादा लोगों को मिल रहा रोजगार लुभाती हैं नई वैराइटी
महंगी ज्वैलरी में लिमिटेड डिजाइन और वैरायटी होती है। जबकि आर्टिफिशियल ज्वैलरी में हजारों डिजाइनों में ज्वैलरी मिलने से महिला ग्राहक इसे पसंद करती है। सूत्रों के मुताबिक, कोरोना के बाद बाजार खुलने से मार्केट में करीब 50 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। नवबर में शादी का सीजन आने वाला है। लोगों में तीसरी लहर की अफवाहों ने डर बैठा दिया, जिसके चलते ग्राहकों ने बाजार खुलने के साथ ही खरीदारी कर ली। आने वाले फेस्टिवल सीजन में अच्छे बिजनेस की उमीद है।
-विशाल गर्ग, आर्टिफिशियल ज्वैलरी व्यापारी
आर्टिफिशियल ज्वैलरी मार्केट ज्यादातर महिलाओं के लिए ही है। महिलाएं शाम के समय कामकाज से फ्री होने के बाद खरीदारी करने निकलती है। ज्वैलरी पसंद करने में ही महिलाओं को करीब एक से दो घंटे लग जाते है। रात्रि में बाजार 8 बजे बंद होने का समय होने से ग्राहकी में काफी असर पड़ा है। राज्य सरकार का चाहिए कि बाजारों को पुरानी स्थिति की तरह वापस खोलने की छूट दी जाए, ताकि कोरोनाकाल में चोट खाया व्यापारी उभर सके। -सोमेश मित्तल, आर्टिफिशियल ज्वैलरी व्यापारी
कोरोना की दो लहर झेल चुकी जनता पर तीसरी लहर की अफवाह का भी मार्केट पर बुरा असर पड़ा है। अफवाहों के चलते अभी खर्चा करने के बजाय पैसा जोड़़ कर रख रहे है ताकि तीसरी लहर आ भी जाए तो परेशानी नहीं उठानी पड़े। लॉकडाउन में शादियों नहीं हो पाने से आने वाले नवबर में खूब शादियां है। अगर स्थितियां ठीक रही तो शादी के सीजन में बपर बिक्री होगी और बाजार में बूम आएगा। सरकार ने शादी समारोह की लिमिट में छूट देने से भी बाजार ग्रोथ करेगा।
-मनीष जयसवानी, आर्टिफिशियल ज्वैलरी व्यापारी