गौरतलब है कि चन्द्रघटा निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुधवार को कोरोना पॉजीटिव आई थी। चिकित्सा विभाग ने संदिग्ध मानते हुए सैम्पल लेने के बावजूद उसकी ड्यूटी सर्वे व स्क्रीनिंग के कार्य में लगा दी गई थी। उसने कई जगहों पर सर्वे व स्क्रीनिंग का कार्य
किया। उनके साथ करीब आधा दर्जन कार्मिकों की ड्यूटी लगी थी। इसमें चन्द्रघटा निवासी आशा सहयोगिनी भी शामिल थी। उस समय चिकित्सा विभाग ने आशा सहयोगिनी व अन्य कार्मिकों को क्वारंटाइन कर दिया। उसके सेम्पल लिए गए थे। उसकी रिपोर्ट भी शुक्रवार को पॉजीटिव मिली। आशा के पॉजिटिव आने की सूचना पर चिकित्सा विभाग में हड़कम्प मच गया। विभाग की टीमों ने चन्द्रघटा में आशा के घर के आसपास से चिकित्सा विभाग ने 70 जनों के सेम्पल लिए है।
आशा को न तो बुखार आया और न जुकाम-खांसी हो रही। जब उसका एक्सरा किया गया तो उसमें कोरोना के लक्षण मिले। इस कारण उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
किया गया।