अच्छे नही थे ।ये बात विदित रहे की ग्रहों की ऐसा सयोंग हमने पहले भी शुभ नही देखा। 16दिसंबर 1971,भारत-पाकिस्तान युद्ध का अंतिम दिन था जिसमे चतुर ग्रहीय संयोजना बनी थी। 17-07-1999, को भी भारत- पाकिस्तान के मध्य कारगिल युद्ध के समय भी यह स्थिति बनी थी। वैसे ही 26-12-2004, वाले दिन भारत की कुंडली में वृश्चिक राशि में तीन ग्रहों की सयोंग बना था।
इस बार ये मिल रहे हैं संकेत
ये बात विदित रहे की ऊपर लिखी हुई तिथियों में कुछ विपरीत घटनाएं देखी गयी थी जिसमें तीन या उससे अधिक ग्रहों की सयोंग का मामूली प्रतीत नहीं होती। इस बार धनु राशि में ये संयोजना बनने से अशांत वातावरण और युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति अंकित कर रही है। ये बात विदित रहे की धनु राशि में अग्नि तत्त्व की प्रधानता है।इस समय ये सयोंग जनवरी 2020 तक जन धन की हानि,प्राकृतिक कोपों, भूकम्प, जैसी घटनाओं को दे सकता है।