इस काल मे देश के कई बड़े बदलाव और आएंगे जो जनता के लिये हितकारी रहेंगे।
4 नवम्बर को गुरु का अपनी 9वी राशि धनु पर शनि,केतु की युति के योग ने जो निर्णय आया वो सभी ने स्वीकार किया है ज्योतिष की माने तो ये सब ग्रहों की महती भूमिका बता रहे है क्योंकि न्याय के कारक शनि और घर्म के कारक गुरु ,ओर केतु का मिलन 297 साल बाद हुआ है जो भविष्य को उज्ज्वलता की ओर ले जाएगा।
4 नवम्बर को गुरु का अपनी 9वी राशि धनु पर शनि,केतु की युति के योग ने जो निर्णय आया वो सभी ने स्वीकार किया है ज्योतिष की माने तो ये सब ग्रहों की महती भूमिका बता रहे है क्योंकि न्याय के कारक शनि और घर्म के कारक गुरु ,ओर केतु का मिलन 297 साल बाद हुआ है जो भविष्य को उज्ज्वलता की ओर ले जाएगा।
मंगल और शनि का राज महज ये सयोंग हो सकता है लेकिन सत्य है कि अंक ज्योतिष के अनुसार प्रमुख निर्णय के कारक ग्रह शनि देव है अंक 8 का स्वामी भी शनि है और 9 अंक के स्वामी मंगल ग्रह है शास्त्रों मे शनि को न्याय और मंगल को पराक्रमी ग्रह कहा जाता है।शनिवार को किया गया कार्य स्थिरता प्रधान करता है ,अभी तक देश के कई महत्वपूर्ण निर्णय भी 8,17,26,तारीख को हुए या फिर मंगलवार शनिवार को हुए इन योग सयोंग में ये कार्य भविष्य में सौहार्द ओर आपसी भाई चारे में प्रेम को दर्शाता है।
ज्योतिषाचार्य अमित जैन
ज्योतिषाचार्य अमित जैन