सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने भाजपा के सभी 159 विधायकों संदेश भिजवाया है। इसमें कहा है कि कुछ माह बाद चुनाव होने हैं, अपना फोन खुद उठाएं। हो रही थी टालमटोल
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई मंत्रियों-विधायकों की एेसी छवि बन गई थी कि वे फोन नहीं उठाते। उनके पीए बात कर कार्यकर्ताओं को टाल देते हैं। कई मंत्री तो विधायकों का भी फोन नहीं उठाते। दिल्ली तक भी ऐसी शिकायतें पहुंची हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई मंत्रियों-विधायकों की एेसी छवि बन गई थी कि वे फोन नहीं उठाते। उनके पीए बात कर कार्यकर्ताओं को टाल देते हैं। कई मंत्री तो विधायकों का भी फोन नहीं उठाते। दिल्ली तक भी ऐसी शिकायतें पहुंची हैं।
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भाजपा के केन्द्रीय संगठन मंत्री के निर्देशानुसार विधायक दल के सभी सदस्यों, मंत्री, राज्य मंत्री, संसदीय सचिव चुनाव तक फोन अपने ही पास रखें और आने वाले फोन खुद सुनें। फोन निजी सचिव या निजी सहायक को न दें। केन्द्रीय कार्यालय समय-समय पर किसी को भी कॉल कर सकता है। इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए।
भाजपा के केन्द्रीय संगठन मंत्री के निर्देशानुसार विधायक दल के सभी सदस्यों, मंत्री, राज्य मंत्री, संसदीय सचिव चुनाव तक फोन अपने ही पास रखें और आने वाले फोन खुद सुनें। फोन निजी सचिव या निजी सहायक को न दें। केन्द्रीय कार्यालय समय-समय पर किसी को भी कॉल कर सकता है। इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए।
एक नम्बर संगठन को, एक निजी
सरकार के कई मंत्रियों के पास दो-दो नम्बर हैं। एक नम्बर संगठन को दे रखा है, एक निजी रखा हुआ है। संगठन के पदाधिकारी फोन करते हैं तो वह नम्बर पीए के पास होता है। एेसे में मंत्री से सीधे बात नहीं हो पाती।
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वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री, तीन केबिनेट मंत्रियों व एक राज्यमंत्री ने कई बार याद दिलाने पर भी अपनी सम्पत्ति को सार्वजनिक नहीं किया है। केबिनेट सचिवालय अब तक 5 स्मरण पत्र लिख चुका है लेकिन बीते 4 साल में सम्पत्ति सार्वजनिक करना तो दूर, इन मंत्रियों ने जवाब तक नहीं दिया है।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री, तीन केबिनेट मंत्रियों व एक राज्यमंत्री ने कई बार याद दिलाने पर भी अपनी सम्पत्ति को सार्वजनिक नहीं किया है। केबिनेट सचिवालय अब तक 5 स्मरण पत्र लिख चुका है लेकिन बीते 4 साल में सम्पत्ति सार्वजनिक करना तो दूर, इन मंत्रियों ने जवाब तक नहीं दिया है।
सम्पत्ति सार्वजनिक नहीं करने वालों में 3 केबिनट मंत्री, 37 राज्यमंत्री और 2 उपमंत्री का दर्जा प्राप्त जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। हालांकि नियमों में उनके लिए सम्पत्ति सार्वजनिक करना अनिवार्य नहीं है लेकिन उन्होंने नैतिक तौर पर भी अपनी सम्पत्ति सार्वजनिक नहीं की है।
प्रधानमंत्री व केन्द्रीय मंत्रियों ने की घोषित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं सभी केन्द्रीय मंत्री पिछले चार वर्षों से नियमित तौर पर अपनी सम्पत्ति सार्वजनिक कर रहे हैं। यह सभी पीएमओ की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। कांग्रेस शासन में भी यह प्रक्रिया नियमित निभाई गई। राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी 31 जनवरी तक घोषणा करना अनिवार्य है। अफसर भी घोषणा कर चुके हैं। हालांकि उसे अभी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं सभी केन्द्रीय मंत्री पिछले चार वर्षों से नियमित तौर पर अपनी सम्पत्ति सार्वजनिक कर रहे हैं। यह सभी पीएमओ की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। कांग्रेस शासन में भी यह प्रक्रिया नियमित निभाई गई। राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी 31 जनवरी तक घोषणा करना अनिवार्य है। अफसर भी घोषणा कर चुके हैं। हालांकि उसे अभी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है।