कोटा

विधायक की पत्नी पर ‘कृपा’, 36 लाख रुपए लेने के पात्र माना

बारां. पशुपालन विभाग की कामधेनु डेयरी योजना में बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल को उपकृत करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है।

कोटाMar 02, 2021 / 01:37 am

Deepak Sharma

बारां. पशुपालन विभाग की कामधेनु डेयरी योजना में बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल को उपकृत करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है।

बारां. पशुपालन विभाग की कामधेनु डेयरी योजना में बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल को उपकृत करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है।
मामले के अनुसार, पशुपालन विभाग को गोपालन विभाग की कामधेनु डेयरी योजना अंतर्गत डेयरी लगाने के लिए जिले में तीन पात्र व्यक्तियों के चयन का लक्ष्य मिला था। जिसके तहत 13 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। जिसमें से 6 आवेदन मंजूर किए गए। इनमें से जिला गोपालन समिति ने 3 आवेदनों को स्वीकृत कर गोपालन विभाग जयपुर को भिजवाया था। इनमें एक आवेदन बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल की पत्नी संतोष मेघवाल के नाम से था। दूसरा आवेदन उमेश गुर्जर व तीसरा आवेदन तत्कालीन जिला कलक्टर इन्द्र सिंह राव के पीए रहे महावीर नागर के भाई के नाम का था। समिति की 5 अगस्त 2020 को जिला गोपालन समिति की बैठक हुई थी। इसमें अध्यक्ष तथा तत्कालीन जिला कलक्टर इंद्र सिंह राव व पशुपालन विभाग के उपनिदेशक हरिबल्लभ मीणा समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। जिन्होंने प्राप्त आवेदनों पर विचार किया था।
गालव का कहना है कि एक आवेदनकर्ता के तो अनुदान के रूप में 11 लाख रुपए की राशि भी बैंक खाते में आ चुकी है। जबकि विधायक की पत्नी की राशि के लिए अभी हाल ही में पुन: गोपालन विभाग जयपुर को पशुपालन विभाग ने पत्र लिखा है। भाजपा नेता प्रेमनारायण गालव ने इसकी शिकायत करते हुए पशुपालन विभाग की कामधेनु डेयरी योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को दरकिनार कर चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
विभाग का यह है तर्क
योजना के तहत गोपालन विभाग की ओर से तय गाइड लाइन की पालना करते हुए 13 में से 6 आवेदन स्वीकृत किए गए थे। इनमें जिला स्तरीय समिति ने 3 आवेदकों का चयन किया था। इनमें एससी वर्ग से संतोष मेघवाल का एक ही आवेदन होने से उसे मंजूर मिली थी। जबकि शेष 3 आवेदकों को नियमानुसार वेटिंग में रखा गया था। इससे प्रथम तीन आवेदकों मे से किसी एक का आवेदन निरस्त होने पर वेटिंग के अनुसार अन्य आवेदक का चयन किया जा सके।
योजना का यह लाभ मिलता है
इस योजना में 36 लाख रुपए स्वीकृत किए जाते हैं। इनमें 11 लाख रुपए बैंक अनुदान के रूप में उपलब्ध कराता है। यह अनुदान राशि शेष देय राशि 25 लाख रुपए तीन साल की अवधि में निर्धारित ब्याज समेत पूरी जमा कराने के बाद ही लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित की जाती है।
विधायक ने बंद किया फोन
इस बारे में विधायक पानाचंद मेघवाल का पक्ष लेने के लिए उनसे संपर्क किया, लेकिन पहले उनका फोन बंद आने के कारण बात नहीं हो पाई। जब दोबारा प्रयास किया तो उन्होंने कॉल का रिसीव नहीं किया।
जो आवेदन जिला गोपालन समिति को मिले थे। इनमें एससी वर्ग का एक ही आवेदन होने से उसे स्वीकृत किया गया है। यह प्रकिया नियमानुसार पूर्ण की गई है।
डॉ. हरिबल्लभ मीणा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन

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