मेला प्रांगण तब तक भक्तों एवं बाल गोपालो से पूरा हो चुका था। मंदिर परिसर तरह तरह की व्यंजन महक से महक रहा था। कढ़ाई में तेरते भटूरे, तवे पर सिकता पनीर चिल्ला, बच्चों के हाथों में आया चाऊ- मीन, महकती पाव- भांजी की खुशबू बच्चों को आकर्षित कर रही थी। मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में बालाओं की भजन प्रस्तुति हों रही थी। गरमाहट भरें मोसम में ठंडी ठंडी ठंडाई, बर्फ़ गोला, कुल्फी,सोफ्टी,व आईस-क्रिम दिल को शीतलता प्रदान कर रही थी। साऊथ इंडियन तर्ज पर बनी पीज्जा,बर्गर और पास्ता अपने पूरे जोर पर था,वहीं बच्चों व ललनाऔ प्रिय गोल- गप्पा उनके मुंह में था। हाथों में पोपकोर्न लिए बालिकाओं का झुंड मिक्की- माउस की ओर बढ़ रहा था।
मेला प्रांगण तब तक भक्तों एवं बाल गोपालो से पूरा हो चुका था। मंदिर परिसर तरह तरह की व्यंजन महक से महक रहा था। कढ़ाई में तेरते भटूरे, तवे पर सिकता पनीर चिल्ला, बच्चों के हाथों में आया चाऊ- मीन, महकती पाव- भांजी की खुशबू बच्चों को आकर्षित कर रही थी। मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में बालाओं की भजन प्रस्तुति हों रही थी। गरमाहट भरें मोसम में ठंडी ठंडी ठंडाई, बर्फ़ गोला, कुल्फी,सोफ्टी,व आईस-क्रिम दिल को शीतलता प्रदान कर रही थी। साऊथ इंडियन तर्ज पर बनी पीज्जा,बर्गर और पास्ता अपने पूरे जोर पर था,वहीं बच्चों व ललनाऔ प्रिय गोल- गप्पा उनके मुंह में था। हाथों में पोपकोर्न लिए बालिकाओं का झुंड मिक्की- माउस की ओर बढ़ रहा था।