तीन दिवसीय महोत्सव के समापन पर विवाह उत्सव मनाया। इसमें विभिन्न समाजों के 11 जोड़े परिणयबंधन में बंधे। संजय चतुर्वेदी के आचार्यत्व में 13 अन्य पंडितों ने विधि विसान के साथ रस्में पूर्ण करवाई। शाम को बेटियां विदा हुई तो उपिस्थत लोगों की आंखें भर आईं।
आयोजन स्थल पर सुबह से ही वैवाहिक रौनक नजर आने लगी थी। विभिन्न स्थानों से दूल्हा दुल्हन परिवजनों के साथ सूटबूट में सजे धजे आयोजन स्थल पर पहुंचे। गणेश पूजन के साथ ववैहिक रस्में शुरू हो गई। दूल्हा दुल्हन की क्षेत्र में िस्थत गोयल धर्मशाला से बारात निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। बाराती व घराती सभी एक रंग में रंगे नजर आए।
मांगलिक व वैवाहिक गीतों की मधुर धुन पर परिजनों ने जमकर नृत्य किया। मार्ग में जगह जगह बारातियों का लोगों ने स्वागत किया। मंदिर पहुंचने के साथ ही वैवाहिक रस्में शुरू हो गईं। इस दौरान भी पांडाल में मांगलिक गीत गूंजते रहे। देर रात तक छावनी क्षेत्र में विवाह उत्सव की धूम नजर आई। मुकेश प्रजापति, रणछोड़ प्रजापति,कृष्णा प्रजापति ने मुख्य यजमान की भूमिका निभाई।
दिए ढेरों उपहार दूल्हा-दुल्हन को समिति व भामाशाहों के सहयोग से बेटियों को मंगलसूत्र, पायजेब, बिछिया, गृहस्थी के लिए जरूरी पलंग, बर्तन, अटेची, समेत अन्य वस्तुंए उपहार स्वरूप भेंट की गई। समिति के अध्यक्ष गजानंद जैन,सचिव गिरीश चौधरी,व्यवस्थापक तेजेन्द्र सिंह,चन्द्रशेखर शाक्यवाल,उपाध्यक्ष योगेश कोटिया समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में पार्षद देवेश तिवारी भी शामिल हुए।
देर रात तक भंडारा इस मौके पर भंडारे का आयोजन किया। यह देर रात तक चला। इसमें सुबह से हजारों लोगों ने महाप्रसादी ग्रहण की। नुक्ति, पूड़ी व गर्मागर्म सब्जी का आंनद लिया। आयोजकों के अनुसार करीब 300 कार्यकर्ता व्यवस्थाओं में जुटे रहे। सामूहिक विवाह सम्मेलन के साथ ही तीन दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव का सपापन हो गया।