दर्दनाक मौत: भारी वाहन ने पैंथर शावक को कुचला, 2 घंटे सड़क पर तड़पता रहा खून से लथपत 7 माह का शावक
सूचना पर टाइगर रिजर्व के एसीएफ दरा राजेश शर्मा, रेंजर मक्खनलाल शर्मा, वनपाल विनोद मीणा मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी लेकर वन्यजीव विभाग के डीएफओ बीजो जॉय को दी। इसके बाद भालू के शव को रिजर्व रेस्ट हाउस पर ले जाया गया। यहां मेडिकल बोर्ड के वेटनरी चिकित्सक डॉ. तेजेंदर सिंह, आशीष जैन व मोहित जैन ने भालू का पोस्टमार्टम किया। बाद में उपखण्ड अधिकारी रामगंजमंडी चिमनलाल मीणा, एएसआई मोड़क कैलाश चन्द की मौजूदगी में भालू के शव का अंतिम संस्कार किया गया।मुकुन्दरा में घूम रहा था टाइगर का जोड़ा और हथियारों के साथ आ धमके शिकारी, फिर हुआ ये…
यह हुए शिकार
रिजर्व में सबसे पहले राजधानी एक्सप्रेस के सामने आने से रणथंभौर टाईगर रिजर्व से भटककर आए टाईगर ब्रोकन टेल की मौत हो गई थी। उसके बाद पिछले दो सालों में दो भालू व एक पैंथर की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हुई। ये तो वो वन्यजीव हैं जो चर्चा में आए। यहां कई हादसों का तो पता भी नहीं चल पाता।
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बाघों की सुरक्षा को भी खतरा
गौरतलब है कि टाइगर रिजर्व में वर्तमान में चार टाइगर हैं। जिनमें से एमटी वन व एमटी टू क्लोजर में हैं, जबकि एमटी थ्री व एमटी फॉर रिजर्व एरिया के खुले क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। जो कई बार घांटी माता मंदिर क्षेत्र व कुकड़ा कला गांव तक आ जाते हैं। जहां से रेलवे लाइन बमुश्किल आधा किलोमीटर दूर रह जाती है। भविष्य में भी रिजर्व में टाइगर की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में टाईगर के भटककर रेलवे लाइन पर आने का खतरा बना रहता है।
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मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व एरिया में ट्रेन की चपेट में आने से भालू की मृत्यु हुई है। भालू नर था व लगभग बारह वर्ष का था। भालू का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार करवा दिया गया है। घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं। रिजर्व में रेलवे लाइन पर फेंसिंग के लिए क्या प्रयास किए हैं इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
बीजो जॉय, उपवन संरक्षक वन्यजीव