scriptरावतभाटा के जंगलों में खैर की लकड़ी के साथ डोडा चूरा तस्करी का भी खेल | Begu police filed a case | Patrika News

रावतभाटा के जंगलों में खैर की लकड़ी के साथ डोडा चूरा तस्करी का भी खेल

locationकोटाPublished: Feb 24, 2020 04:45:01 pm

Submitted by:

Dilip

13 क्विंटल 64 किलो डोडा चूरा मिला है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 1 करोड़ रुपए मानी जा रही है। पुलिस ने दोनों बाइक, पिकअप व ट्रैक्टर ट्रॉली जप्त कर ली है।

Begu police filed a case

Begu police filed a case

रावतभाटा. बोराव व जावदा रेंज में खैर की लकड़ी के तस्करों को पकडऩे गई वन विभाग की टीम डोडा चूरा तस्करों तक पहुंच गई। वन विभाग की टीम को देखकर डोडा चूरा तस्करी से जुड़े आरोपी मौके से भाग गए। टीम को 13 क्विंटल 64 किलो डोडा चूरा मिला है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 1 करोड़ रुपए मानी जा रही है।
बोराव रेंज के वन रक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि बोराव व जावदा रेंज में खैर की लकड़ी काटी जा रही है। माना जा रहा है कि इसके तार खैर की लकड़ी काटकर परिवहन करने वाले तस्करों ने जुड़े हुए हैं। बोराव रेंजर के क्षेत्रीय वन अधिकारी अब्दुल सलीम व जावदा रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी भंवरलाल मीणा ने वन रक्षकों सहित अन्य स्टाफ से 24 घंटे गश्त शुरू करवा दी है। ताकि तस्कर पकड़े जा सकें। दोनों रेंजों के अधिकारी व कर्मचारी शुक्रवार रात को भी गश्त कर रहे थे। जावदा रेंज के नाका प्रभारी हरलाल को ग्राम पंचायत मेघनिवास के घाटी सांगव के जंगल में आवाजें सुनाई दी। हरलाल को खैर की लकड़ी परिवहन करने वाले तस्कर होने का संदेह हुआ। उसने बोराव रेंज के वन रक्षक विक्रम सिंह को सूचना दी। विक्रम सिंह वन विभाग के छह कर्मचारियों के साथ पहुंचे। सभी जने घेराबंदी कर मौके पर पहुंचे तो पिकअप व ट्रैक्टर के पास खड़े व्यक्ति भाग छूटे। पिकअप के अन्दर बोरे भरे हुए थे। एक बोरे को खोलकर देखा तो उसमें डोडाचूरा भरा हुआ था। उन्होंने उपवन संरक्षक चितौडगढ़ को सूचना दी। उपवन संरक्षक ने पुलिस अधीक्षक चितौडगढ़ से बातचीत की। बेगू एसएचओ कुशालसिंह पहुंचे। पिकअप में 62 कट्टों में 13.64 क्विंटल डोडा चूरा भरा हुआ था। पास ही सरसों के खाखले में दो बाइकें पड़ी मिली। पुलिस ने दोनों बाइक, पिकअप व ट्रैक्टर ट्रॉली जप्त कर ली है।
कोटा से प्रतापगढ़ तक तलाश
पकड़े गए वाहनों में पिकअप कोटा, एक बाइक चितौडगढ़ व दूसरी बाइक प्रतापगढ़ के नम्बर की है, जबकि ट्रैक्टर ट्रॉली पर कोई नम्बर नहीं है। अब पुलिस नम्बरों के आधार पर तस्करों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो