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पीहर आई देवी को ससुराल के लिए किया विदा

locationकोटाPublished: Oct 26, 2020 08:07:24 pm

Submitted by:

Hemant Sharma

कोटा. बंगाली समाज ने सोमवार को शारदीय नवरात्र की दशमी मनाई। उन्होंने देवी को विदा किया। इसी के साथ समाज में नवरात्र महोत्सव की धूम थम गई।काली बाड़ी विकास संस्था की ओर से छावनी क्षेत्र में व कोटा दुर्गाबाड़ी एसोसिएशन की ओर से विनोबा भावे नगर स्थित रविन्द्र सदन में नवरात्र महोत्सव मनाया जा रहा था।

navratri mahotsav - 2020

पीहर आई देवी को ससुराल के लिए किया विदा

कोटा. बंगाली समाज ने सोमवार को शारदीय नवरात्र की दशमी मनाई। उन्होंने देवी को विदा किया। इसी के साथ समाज में नवरात्र महोत्सव की धूम थम गई। काली बाड़ी विकास संस्था की ओर से छावनी क्षेत्र में व कोटा दुर्गाबाड़ी एसोसिएशन की ओर से विनोबा भावे नगर स्थित रविन्द्र सदन में नवरात्र महोत्सव मनाया जा रहा था। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण दोनों ही स्थानों पर इस वर्ष विशेष आयोजन नहीं हुए। सिर्फ घट स्थापना की गई। इसका सोमवार को समापन किया गया।
इस मौके पर देवी का पूजन कर देवी को विदा करते हुए सुख समृद्धि व कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई। दुर्गाबाड़ी एसोसिएशन के सचिव सुबीर सेन ने बताया कि कोरोना के कारण सरकारी गाइडलाइन की पालना करते हुए नवरात्र महोत्सव मनाया। भवन में सैनेेटाइजर की व्यवस्था की गई। सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए दशमी का पूजन किया। कार्यक्रम में कुछ ही लोग शामिल हुए। प्रतीकात्मक रूप में महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग के दीर्घायु व परिवार में खुशहाली की कामना की। एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल, अनूप सेन, गोस्वामी, पापिया सेन,पुष्पा सूत्रधार समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। अपूर्व भट्टाचार्य ने पूजन करवाया।
छावनी बंगाली कॉलोनी क्षेत्र में कालीबाड़ी विकास संस्था के तत्वावधान में नवरात्र महोत्सव मनाया गया। यहां भी सादगी पूर्वक तरीके से देवी का पूजन कर विदा किया। परम्परागत तौर पर प्रतीकात्मक रूप में महिलाओं ने सिंदूर दान की रस्म अदा की। सचिव दिलीप साहा, निशिकांत बाला समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। समाज के दिलीप साहा, डॉ एस सान्याल व अन्य लोगों के अनुसार बंगाली समाज में नवरात्र महोत्सव विशेष महत्व का होता है। इसमें माना जाता है कि देवी नौ दिन के लिए अपने पीहर आती है, जिसे नवरात्र के समापन पर विदा किया जाता है। महिलाएं सदा सुहागिन की कामना के साथ एक दूसरे को सिंदूर लगाती है।
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