कार्रवाई की भनक लगते ही उसने फार्म फाड़ दिया, लेकिन वह एसीबी टीम से बच नहीं सका। यह वाकया बुधवार को यूनियन बैंक में हुआ। एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। यह पूरा घटनाक्रम बैंक के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गया।
एसीबी निरीक्षक विवेक सोनी ने बताया कि कैथून थाना क्षेत्र के बड़ौदिया निवासी बनेसिंह हाड़ा ने दो दिन पहले एसीबी में लिखित शिकायत दी थी। इसमें कहा कि उसने किसान क्रेडिट कार्ड पर कृषि कार्य के लिए ऋण चाहने बाबत बारां रोड स्थित यूनियन बैंक में दो माह पहले आवेदन किया था।
शाखा प्रबंधक नितेश मीना ने उससे 3 लाख रुपए का ऋण पास करने की एवज में 3 प्रतिशत के हिसाब से 9 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। हाड़ा ने शुरुआत में 5 हजार रुपए की पेशकश की, लेकिन वह नहीं माना।
बाद में वह 7 हजार रुपए में राजी हो गया। मीना रिश्वत नकद नहीं लेकर विड्रॉल फार्म भरवाकर लेना चाह रहा था। उसने हाड़ा के खाते में दो दिन पहले ही 1.50 लाख रुपए जमा करवा दिए, लेकिन शेष राशि वह रिश्वत देने के बाद ही जमा करवाने का दबाव बना रहा था।
सोनी ने बताया कि शिकायत का सत्यापन करवाया गया, जिसमें रिश्वत की मांग सही पाई गई। उन्होंने परिवादी के खाते से एक दिन पहले 35 हजार रुपए निकलवाए और बैंक प्रबंधक को नकद 7 हजार रुपए देना चाहा, लेकिन वह राजी नहीं हुआ। उसका कहना था कि वह रुपए तो विड्रॉल फार्म भरवाकर ही लेगा। काफी प्रयास के बाद भी जब वह नहीं माना तो परिवादी को इसके लिए राजी किया।
बुधवार को बैंक प्रबंधक व परिवादी के बीच बात हुई। बनेसिंह बैंक के अंदर गया। नितेश ने उससे 7 हजार रुपए का विड्रॉल फार्म भरवाकर अपने पास रख लिया, लेकिन उसमें किसी का नाम नहीं भरा। जैसे ही परिवादी बैंक के बाहर आया, वैसे ही एसीबी टीम बैंक में पहुंच गई, लेकिन तब तक प्रबंधक ने फार्म फाड़कर फेंक दिया था।
टीम को देख वह घबरा गया, लेकिन एसीबी ने फार्म के टुकड़ों को एकत्र कर चिपकाया तो इससे रिश्वत लेना स्पष्ट हो गया। एसीबी ने पीपल्दा हाल कुन्हाड़ी निवासी नितेश मीना को गिरफ्तार कर लिया।