जुगराज की मां की विदेश मंत्री के नाम चिट्ठी, कहा- पाकिस्तान की जेल में जाने किस हाल में होगा मेरा बेटा, छुड़ा लाओ
गांव-गांव घूमकर शौचालय बनाने वाले गुमानपुरा निवासी नीरज तिवारी ने बायो सीवरेज ट्रीटमेंट एंड इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन प्लांट इजाद किया है। वेस्टेज से बनाए गए इस प्लांट में सीवरेज को साफ करने के लिए ओपन टनल बनाई गई है। यह तीन हिस्सों में बंटी है।
बूंदी के जुगराज को पाकिस्तान की जेल से रिहा करवाने के प्रयास तेज, सांसद बिरला ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लिखा पत्र
बायो ट्रीटमेंट का लिया सहारा
पहली टनल से पानी फिल्टर होने के बाद एक टैंक में गिराया जाता है, ताकि बारीक गाद नीचे बैठ सके। गाद और कीचड़ का स्तर नापने के लिए इस टैंक में मीटर भी लगाया गया है। यह टैंक दूसरी टनल से जुड़ा है। इसमें लंबे एनीकट बनाए गए हैं। इनसे गुजरने के बाद पानी दूसरे टैंक में गिरता है जहां से तीसरी टनल में जाता है।
ऑक्सीजन की कमी ने खोजी बिजली
पांचवीं तक पढ़े नीरज बताते हैं कि जलदाय विभाग से जब साफ पानी के नमूनों की जांच करवाई तो सीवरेज में पाए जाने वाले सभी हानिकारक तत्व खत्म हो चुके थे, लेकिन पानी में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं थी। जबकि पीने के लिए ऑक्सीजन होना जरूरी था।
नहीं मिली तवज्जो
नीरज बताते हैं कि उन्होंने नगर निगम, नगर विकास न्यास, जिला प्रशासन और राज्य सरकार व केंद्र सरकार के मंत्रालयों में भी प्रजेंटेशन दिए, लेकिन तवज्जो नहीं मिली। जब वे जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक वाईएन माथुर से मिले तो उन्होंने न सिर्फ सराहना की, बल्कि कोटा के 14 बड़े औद्योगिक संस्थानों को सीएसआर स्कीम के तहत इस प्लांट को लगाने के लिए निर्देशित भी किया। हालांकि किसी भी संस्थान ने प्लांट को अब तक स्थापित नहीं कराया।