विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेशनल को-ऑडिनेटर हरप्रीत सिंह ने ‘संक्रमित ब्लड कम्पोनेंट्स द्वारा एचआईवी का संक्रमण और दिशा निर्देश’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि ब्लड के सारे टेस्ट करा लेने के बाद भी रिस्क फैक्टर कम नहीं होता है। भारत में अधिकांश लोगों के रक्त में हेपेटाइटिस पाया जाता है, जबकि एचआईवी 0.001 प्रतिशत ही मिलता है। दिल्ली के मेडिकल ऑफि सर डॉ. पुरुषोत्तम पालीवाल ने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले लोगों में रक्त प्रवाह तेज होता है और रक्त बनने की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है।
कॉन्फ्रेंस में डॉ. आरएन मकरु, तूलिका चन्द्रा, अतुल कुलकर्णी, कंचन मिश्रा, राबर्ट फ्लावर, सौम्य जमुआर, मोहित चौधरी, सुनील राजाध्यक्ष, मनीषा श्रीवास्तव, मीनू वाजपेयी, वीना डोडा, एसएस चौहान, नवीन अग्निहोत्री, नीति सरन, आर राजकुमार, केएम राधाकृष्णन, पीके पालीवाल, विनीता श्रीवास्तव, भारत सिंह, योगिनी पटेल, नवीन सक्सेना सहित कई डॉक्टर्स ने व्याख्यान दिए।