scriptब्लड रिप्लेसमेंट से नहीं डोनेशन से होते हैं तनावमुक्त | Blood replacement does not result from donation stress free | Patrika News

ब्लड रिप्लेसमेंट से नहीं डोनेशन से होते हैं तनावमुक्त

locationकोटाPublished: Dec 10, 2017 07:36:53 pm

Submitted by:

Anil Sharma

कोटा. यहां मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आईएसबीटीआई, मेडिकल कॉलेज व ब्लड बैंक सोसायटी की ओर से ‘ट्रांसकोन कांफ्रेंस’ का आयोजन किया जा रहा है।

Medical College Kota

मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आईएसबीटीआई, मेडिकल कॉलेज व ब्लड बैंक सोसायटी की ओर से ‘ट्रांसकोन कांफ्रेंस’ का आयोजन किया जा रहा है।

कोटा . यहां मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आईएसबीटीआई, मेडिकल कॉलेज व ब्लड बैंक सोसायटी की ओर से ‘ट्रांसकोन कांफ्रेंस’ का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन जम्मू कश्मीर के पूर्व प्रोग्राम डॉयरेक्टर ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन डॉ. टी आर रैना ने व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से शरीर में ‘एण्डोरफ ीन्स’ नाम का हैप्पी हार्मोन स्त्रावित होता है, जो व्यक्ति को हैल्दी बनाने के साथ तनावमुक्त करने में मदद करता है। इसलिए ब्लड रिप्लेसमेंट के बजाय ब्लड डोनेशन पर अधिक जोर दिया जाता है। यही ब्लड अधिक प्योर माना जाता है। उन्होंने डोनर को उच्छा वातावरण देने पर बल दिया।
डेंगू को लेकर फैली भ्रांतियों पर डॉ. रैना ने कहा कि चिकित्सक रिस्क से बचने के लिए मरीज को तुरंत ही प्लेटलेट्स चढ़ा देते हैं, जो गलत है। डेंगू को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं। प्लेटलेट्स की कमी होने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाने का सुझाव चिकित्सक देते हैं।
भारत में अधिकांश रक्त में हेपेटाइटिस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेशनल को-ऑडिनेटर हरप्रीत सिंह ने ‘संक्रमित ब्लड कम्पोनेंट्स द्वारा एचआईवी का संक्रमण और दिशा निर्देश’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि ब्लड के सारे टेस्ट करा लेने के बाद भी रिस्क फैक्टर कम नहीं होता है। भारत में अधिकांश लोगों के रक्त में हेपेटाइटिस पाया जाता है, जबकि एचआईवी 0.001 प्रतिशत ही मिलता है। दिल्ली के मेडिकल ऑफि सर डॉ. पुरुषोत्तम पालीवाल ने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले लोगों में रक्त प्रवाह तेज होता है और रक्त बनने की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है।
इन्होंने दिए व्याख्यान
कॉन्फ्रेंस में डॉ. आरएन मकरु, तूलिका चन्द्रा, अतुल कुलकर्णी, कंचन मिश्रा, राबर्ट फ्लावर, सौम्य जमुआर, मोहित चौधरी, सुनील राजाध्यक्ष, मनीषा श्रीवास्तव, मीनू वाजपेयी, वीना डोडा, एसएस चौहान, नवीन अग्निहोत्री, नीति सरन, आर राजकुमार, केएम राधाकृष्णन, पीके पालीवाल, विनीता श्रीवास्तव, भारत सिंह, योगिनी पटेल, नवीन सक्सेना सहित कई डॉक्टर्स ने व्याख्यान दिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो