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जिंदगी की आस थी, लेकिन मौत ही हाथ लगी

locationकोटाPublished: Aug 06, 2020 04:13:39 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

नदी में बहे दो छात्रों का मामला27 घंटे बाद घटनास्थल से साढ़े तीन किलोमीटर दूर मिला एक छात्र का शवरेस्क्यू के दौरान एसडीआरएफ टीम पर दो बार हुआ मधुमक्खियों का हमला

जिंदगी की आस थी, लेकिन मौत ही हाथ लगी

नदी में बहे दो छात्रों का मामला27 घंटे बाद घटनास्थल से साढ़े तीन किलोमीटर दूर मिला एक छात्र का शव

कोटा. रावतभाटा. राणा प्रताप सागर बांध के गेट से छोड़े पानी में बहे एक छात्र गर्वित जमटानी का शव 27 घंटे बाद बुधवार करीब शाम 5 बजे घटनास्थल से साढ़े तीन किलोमीटर दूर महूपुरा के पास चंबल नदी में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीम ने खोज निकाला।
पुलिस उपाधीक्षक धनफू ल मीणा ने बताया कि गर्वित का शव ब्रिज साइट से करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर महुपुरा के पास चंबल नदी में मिला। गर्वित के शव को परमाणु बिजलीघर की मोर्चरी में रखयाया है, जहां गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम होगा।
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मधुमक्खियों के हमले से रोकना पड़ा रेस्क्यू

जानकारी के अनुसार, बुधवार सुबह साढ़े 6 बजे से कोटा मुख्यालय से पहुंचे एसडीआरएफ के एक दर्जन जवानों ने चंबल नदी में चुलिया जल प्रपात से लेकर ब्रिज साइट तक का इलाका छाना। दोपहर को चुलिया जल प्रपात के नजदीक तलाशी अभियान के दौरान दो बार एसडीआरएफ टीम पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। जिसमें करीब आधा दर्जन जवानों मधुमक्खियों के दंश के शिकार हुए। इसके चलते तलाशी अभियान रोकना पड़ा। दोपहर सवा 2 बजे कोटा से एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पहुंची। निरीक्षक हंसराज छारंग के नेतृत्व में 25 जवानों की टीम व एसडीआरएफ टीम ने तलाशी का दायरा बढ़ाते हुए शाम 5 बजे घटना स्थल से करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर गर्वित का शव ढूंढ़ निकाला।
ड्रोन उड़ाया, अब पानी के भीतर कैमरे से होगी तलाश

दोनों छात्रों की तलाश के लिए स्थानीय प्रशासन ने चंबल नदी क्षेत्र में ड्रोन उड़ा कर छात्रों की तलाश की। वहीं गुरुवार को दूसरे छात्र की तलाश के लिए पानी के भीतर कैमरे से तलाश की जाएगी। उपाधीक्षक धनफ ूल मीणा ने बताया कि मधुमक्खियों के हमले की वजह से संभावित स्थान पर रेस्क्यू रोकना पड़ा था। इसके चलते गुरुवार को बचाव दल के टीमें दोबारा उसी स्थान गौरांग की तलाश के लिए पानी के भीतर कैमरा डाल कर तलाश करेगी।
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