काल्याखेड़ी ग्राम पंचायत के डोबड़ा गांव में इंटरलॉकिंग और पदमपुरा गांव में श्मशान की चारदीवारी का निर्माण करने के लिए जिला परिषद ने 10 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की थी, लेकिन निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए जिला परिषद की निर्माण शाखा का क्लर्क कमलकांत सरपंच से 25 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था।
रिश्वत न देने पर उसने विकास कार्यों का प्रस्ताव ही निरस्त कराने की धमकी दे डाली। जिला परिषद में भ्रष्टाचार से आजिज आकर काल्याखेड़ी सरपंच शिवकुमार पांचाल ने एसीबी में परिवाद दर्ज कराया। एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने परिवाद का सत्यापन कर शुक्रवार को दो टीमें कार्रवाई के लिए रवाना की।
फरार हो गया था कमलकांत
सीआई दलबीर सिंह फौजदार के नेतृत्व में गठित एसीबी टीम ने जिला प्रमुख के निजी सचिव चंद्रप्रकाश गुप्ता को काल्याखेड़ी सरपंच शिवकुमार पांचाल से 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धरदबोचा, जबकि मुख्य आरोपी और जिला परिषद की निर्माण शाखा के क्लर्क कमलकांत को दबोचने के लिए सीआई राकेश आर्या की टीम को इटावा भेजा गया था, लेकिन एसीबी का ट्रेप होते ही इसकी भनक कमलकांत को लग गई और वह कोटा लौटते समय इटावा के पास रास्ते से ही फरार हो गया था।