यह मिला हाल
मॉडल स्कूल के भीतरी हिस्से के मुख्य बरामदे के सामने बने गलियारे के बीम पर किए प्लास्टर में दरारें आ गई हैं तो कई कमरे ऐसे हैं, जिनमें रंगरोगन तो हैं, लेकिन दीवारों पर आई दरारें कार्य की गुणवत्ता की चुगली कर रही हैं। इसके अलावा कुछ स्थानों पर प्लास्टर, टाइल्स आदि भी उखड़ गई है। मुख्य भवन के बाहरी हिस्से की खिडक़ी के कांच फूटे हुए हैं। यहां लगे वाटर कूलर के समीप पेयजल के प्लेटाफार्म में गंदगी पसरी है और जल निकासी का पाइप भी गायब था।
मॉडल स्कूल के भीतरी हिस्से के मुख्य बरामदे के सामने बने गलियारे के बीम पर किए प्लास्टर में दरारें आ गई हैं तो कई कमरे ऐसे हैं, जिनमें रंगरोगन तो हैं, लेकिन दीवारों पर आई दरारें कार्य की गुणवत्ता की चुगली कर रही हैं। इसके अलावा कुछ स्थानों पर प्लास्टर, टाइल्स आदि भी उखड़ गई है। मुख्य भवन के बाहरी हिस्से की खिडक़ी के कांच फूटे हुए हैं। यहां लगे वाटर कूलर के समीप पेयजल के प्लेटाफार्म में गंदगी पसरी है और जल निकासी का पाइप भी गायब था।
दिनभर जुटे रहे श्रमिक
विद्यालय में शेष कार्य पूर्ण करने के लिए सोमवार को सुबह से श्रमिक जुटे रहे। कुछ हिस्सों में श्रमिक रंगरोगन करने में लगे रहे तो कुछ श्रमिक भीतरी बरामदे की सीढिय़ों पर लोहे की जाली लगाते नजर आए। एक कारीगर दीवार पर उद्घाटन पट्टिका को लगाता नजर आया। एनवक्त पर कार्य कराने के संबंध में पूछने पर श्रमिक जानकारी नहीं दे पाए।
विद्यालय में शेष कार्य पूर्ण करने के लिए सोमवार को सुबह से श्रमिक जुटे रहे। कुछ हिस्सों में श्रमिक रंगरोगन करने में लगे रहे तो कुछ श्रमिक भीतरी बरामदे की सीढिय़ों पर लोहे की जाली लगाते नजर आए। एक कारीगर दीवार पर उद्घाटन पट्टिका को लगाता नजर आया। एनवक्त पर कार्य कराने के संबंध में पूछने पर श्रमिक जानकारी नहीं दे पाए।
ढाई वर्ष पहले हुआ था शिलान्यास
गौरतलब है कि मॉडल स्कूल का करीब ढाई वर्ष पहले 15 अक्टूबर 2015 को केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी, मुख्यमंत्री वसुंधर राजे और शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के आतिथ्य में जयपुर में शिलान्यास किया था। बाद में इसकी शिलान्यास पट्टिका मुख्य भवन के बाहरी हिस्से में लगाई गई।
गौरतलब है कि मॉडल स्कूल का करीब ढाई वर्ष पहले 15 अक्टूबर 2015 को केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी, मुख्यमंत्री वसुंधर राजे और शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के आतिथ्य में जयपुर में शिलान्यास किया था। बाद में इसकी शिलान्यास पट्टिका मुख्य भवन के बाहरी हिस्से में लगाई गई।