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महिला एसआई और दलाल राकेश की को भेजा जेल, रिश्वत के मामले में एसीबी ने ऐसे किया था ट्रेप

locationकोटाPublished: Apr 22, 2019 08:04:01 pm

Submitted by:

Rajesh Tripathi

शिकायत दी थी कि उसका वर्ष 2002 में पत्नी मीनाक्षी जैन से तलाक हो चुका है, लेकिन अब पत्नी बेटे के साथ उसके घर आकर रहने लगी है, घर में आधा हिस्सा मांग रही है।

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महिला एसआई और दलाल राकेश की को भेजा जेल, रिश्वत के मामले में एसीबी ने ऐसे किया था ट्रेप

कोटा. रिश्वत प्रकरण में एसीबी द्वारा गिरफ्तार जवाहर नगर थाने की महिला एसआई व दो दलालों को एसीबी कोर्ट ने जेल भेज दिया था। इनमें से दलाल राकेश कुमार महावर ने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। एसीबी कोर्ट ने सोमवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
मामले के अनुसार 9 अप्रेल को जवाहर नगर निवासी मुकेश अरोड़ा ने एसीबी कोटा में शिकायत दी थी कि उसका वर्ष 2002 में पत्नी मीनाक्षी जैन से तलाक हो चुका है, लेकिन अब पत्नी बेटे के साथ उसके घर आकर रहने लगी है, घर में आधा हिस्सा मांग रही है। उसने मकान के फर्जी कागजात तैयार करवा लिए। उसने 1 अप्रेल को जवाहर नगर थाने में मेरे और मेरी बहन के खिलाफ जमीन हथियाने का मामला दर्ज करवाया। मामले की जांच अधिकारी एसआई सुगना वर्मा ने केस से निकलवाने की एवज में 2 लाख रुपए रिश्वत की मांग की। सौदा एक लाख रुपए में तय हुआ। 10 अप्रेल को वह 20 हजार रुपए दे चुका था।
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शिकायत के सत्यापन के बाद एसआई ने मुकेश को 30 हजार रुपए सुधा हॉस्पिटल के पास उसके परिचित राकेश कुमार महावर को देने को कहा था। दलाल राकेश अपने साथी आकाश राठौड़ को लेकर आया। राकेश ने रिश्वत की राशि आकाश को दिलवाई। इशारा पाकर एसीबी टीम ने दोनों दलालों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में नागौर के गांव भगवानपुरा निवासी एसआई सुगना वर्मा (31) को गिरफ्तार किया था।
रिश्वत मामले में फरार चल रहे सरपंच की अग्रिम जमानत खारिज

कोटा. रिश्वत मामले में फरार चल रहे बारां जिले में तेलनी ग्राम पंचायत के सरपंच रामस्वरूप भील की अग्रिम जमानत अर्जी सोमवार को एसीबी न्यायालय ने खारिज कर दी।
मामले के अनुसार पंचायत समिति छबड़ा की ग्राम पंचायत तेलनी निवासी प्रभुलाल ने 2 मई 2017 को एसीबी बारां में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि केटल शेड योजना के तहत मिलने वाली सरकारी सहायता के लिए वह दोस्त कजोड़ के साथ सरपंच रामस्वरूप भील से मिला। सरपंच ने योजना के तहत 70-80 हजार रुपए की सहायता राशि दिलवाने की एवज में 8 हजार की मांग रखी। एसीबी टीम के सत्यापन के बाद फरियादी 6 हजार रुपए सरपंच को देने गया। सरपंच रिश्वत राशि प्राप्त करने के बाद शक होने पर रुपए वापस लौटाकर फरार हो गया। इस पर एसीबी ने बिना नम्बर की एफआईआर एसीबी जयपुर मुख्यालय भिजवा दी। इस पर गिरफ्तार होने की आशंका को देखते हुए सरपंच रामस्वरूप भील ने न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन पेश किया। न्यायालय ने अपराध की गम्भीरता को देखते हुए अर्जी खारित कर दी।
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