बूंदी एसपी के पूर्व पीए को जमानत नहीं 20 हजार रुपए रिश्वत लेते एसीबी की गिरफ्त में आए बूंदी एसपी के पूर्व निजी सहायक की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी गयी । बूंदी एसपी के पूर्व निजी सहायक कांस्टेबल महावीर नगर निवासी ग्यारसीलाल धाकड़ को एसीबी कोटा टीम ने 29 जनवरी को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उसे अदालत में पेश करने पर जेल भेज दिया था।
तैयार करने से जल्दी ठीक कर देती है रेलवे का वेगन सुनील कुमार ने 25 जनवरी को एसीबी कोटा में शिकायत दी थी। इसमें कहा था कि उनके छोटे भाई राजकुमार जैन के खिलाफ षड्यंत्रपूर्वक बूंदी कोतवाली में चोरी का झूठा मुकदमा दर्ज करवाकर उसे गिरफ्तार कराया गया, लेकिन अब चालान भी पेश नहीं किया जा रहा है।इस संबंध में जब वे अनुसंधान अधिकारी उप निरीक्षक तेजसिंह से मिला तो उन्होंने 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। राशि देने के लिए कांस्टेबल व बूंदी एसपी के निजी सहायक ग्यारसीलाल से सम्पर्क करने को कहा।
शिकायत का सत्यापन कराने के बाद एसीबी ने 29 जनवरी को उसे 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इस मामले में ग्यारसी लाल की ओर से अदालत में जमानत का प्रार्थना पत्र पेश किया गया था। इसे अदालत ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए खारिज कर दिया गया।
नहीं किया समर्पण, अब एसीबी करेगी गिरफ्तार 2.80 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद हिंडौन सिटी के पूर्व एसडीएम ने अभी तक भी अदालत में समर्पण नहीं किया है। अब एसीबी गिरफ्तारी के लिए उसे तलाश रही है। हिंडौन के पूर्व एसडीएम रामचंद्र मीणा के जमानत आदेश को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट ने गत दिनों उन्हें अविलम्ब अधीनस्थ अदालत में समर्पण करने का आदेश दिया था। समर्पण नहीं करने की स्थिति में एसीबी को निर्देश दिए कि गिरफ्तार कर अदालत में पेश करे।
Patrika Impact: अनुसंधान अधिकारी एसीबी कोटा के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि मीणा को समर्पण के लिए दिया गया समय पूरा हो चुका है, अब गिरफ्तारी के लिए एसीबी उन्हें तलाश रही है। गौरतलब है एसीबी
जयपुर की टीम ने सितम्बर 2017 में एसडीएम के रीडर लल्लूराम को 2.80 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। रीडर ने कहा था कि उसने यह राशि एसडीएम मीणा के कहने पर ली। एसीबी ने मीणा को भी गिरफ्तार किया था। फिर भरतपुर अदालत ने उसे जमानत दे दी थी जिसे हाईकोर्ट गत दिनों खारिज कर दिया।