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बूंदी हादसा : तेज धमाका हुआ और फिर ….

locationकोटाPublished: Feb 27, 2020 05:48:25 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

Bundi bus accident मेज नदी दुखान्तिका:मौत के तांडव को बेबस देखते रहे

बूंदी हादसा : तेज धमाका हुआ और फिर ....

बूंदी हादसा : तेज धमाका हुआ और फिर ….

कोटा /बूंदी. बहन की बेटी की शादी में भात लेकर जाते समय हंसी-खुशी का माहौल था। सारे रिश्तेदार कोटा से सुबह 8 बजे मिनीबस से रवाना हुए। महिलाएं मंगल गीत गा रही थी। शादी की बातें चल रही थीं। सवाई माधोपुर जाना था, आधा रास्ता कट हो चुका था। मेज नदी पर गुजर रहे थे कि तेज धमाका सुनाई पड़ा, इसके बाद क्या हुआ पता नहीं चला। गीतों की आवाजें अचानक थम गई। किसी की चीख तक नहीं निकली।
अकाल मौत के पंजे से सकुशल बचे मिनी बस में सवार अमित धोबी ने लाखेरी चिकित्सालय में बताया कि किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था कि अचानक क्या हुआ? सिर्फ मौत दिख रही थी। बस पूरी भरी थी, ऐसे किसी के बाहर निकलने के कोई चांस नहीं थे। तभी कुछ लोगों ने कांच तोड़ा और आगे के हिस्से में मौजूद लोगों को बाहर निकाल लिया।
‘जांको राखे साइयां मार सके ना कोयÓ
बस का स्टेयरिंग उलझते समय लगे जोरदार झटके से बस में सवार 13 वर्षीय बालिका गन्नू खिड़की के रास्ते पुलिया पर गिर गई, उसे मामूली चोटें आई। हादसे के बाद बालिका को देखकर लोगों के मुंह से निकल पड़ा ‘जांको राखे साइयां मार सके ना कोयÓ।
चश्मदीद -1 जगदीश वर्मा पूर्व सरपंच, पापड़ी

मौत के तांडव को बेबस देखते रहे

बस से मात्र चंद कदम के फासले पर मैं बाइक से लाखेरी जा रहा था। अचानक मिनी बस पुलिया पर लहराते हुए पहले रॉन्ग साइड आई, फिर पुलिया की रैलिंग तोड़ते हुए नदी में गिर गई। मैंने बाइक को सड़क किनारे खड़ा किया और नदी में उतर गया। पानी अधिक होने और बस के उलटे गिरने से पहले तो कुछ नहीं सूझा। तभी नदी के किनारे मौजूद सुनील और बागरी भी मदद के लिए नदी में नीचे आ गए। उन्होंने बस के आगे का कांच तोड़ा और दो जनों को बाहर निकाल लिया। फिर दूसरे प्रयास करके तीन और लोगों को बाहर निकाला। पानी अधिक होने से अन्य लोगों को बाहर निकालने में कामयाबी नहीं मिली। तब तक अन्य ग्रामीण भी मदद के लिए आ गए, लेकिन हम कुछ नहीं कर पाए। बस में मौजूद लोगों का पानी में डूबे रहने से दम घुट गया। उनकी देखते ही देखते मौत हो गई।

चश्मदीद -2 भवानी सिंह, पापड़ी

सामने जाती मौत देखी

मैं नदी के किनारे पर मौजूद था। तभी मिनी बस को नदी में गिरते देखा। ऐसा लगा मानो मौत दिखाई पड़ी हों। मेरी आंखों के सामने बस नदी की गहराई में समा गई। मदद के लिए कूदा भी, लेकिन मेरा कोई प्रयास सफल नहीं हुआ। गुहाटा सरपंच सुनील मीणा भी कार से लाखेरी जा रहे थे, वे भी मदद के लिए नदी में कूदे।
चश्मदीद – 3 राधेश्याम मीणा, शिक्षक खरायता

चलते-चलते नदी में जा गिरी, बस

मैं सामने से आ रहा था। अचानक सामने से आती मिनीबस लहराई और नदी में गिर गई। संभवत: बस अनियंत्रित होने से नदी में गिरी। मैंने बाइक को एक तरफ खड़ा किया और लोगों को बचाने नदी में कूद गया।
…और एफआईआर में लिखा- बस का टायर फटा

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस पुलिया पर लहराई और नदी में जा गिरी। जबकि लाखेरी के एएसआई राजेन्द्र सिंह ने बताया कि मिनीबस में सवार घायल अमित ने रिपोर्ट में बताया कि दुर्घटना बस का टायर फटने से हुई। मामले की जांच लाखेरी थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सुरेश गुर्जर कर रहे हैं।

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