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यहां हैड नहीं टेल वाले ही हारते हैं, अबके यूं सताने लगी चिंता

यहां हार हमेशा ‘टेलÓ वालों की ही होती है। उनका संघर्ष सदैव जिन्दा रहता है। चिंता भी उन्हें सीजन शुरू होते ही होने लगती है। हम बात कर रहे हैं कोटा के सिंचित क्षेत्र के किसानों की।

कोटाJun 16, 2019 / 11:57 pm

Dhitendra Kumar

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यहां हैड नहीं टेल वाले ही हारते हैं, अबके यूं सताने लगी चिंता

कोटा/अयाना.

आप अभी क्रिकेट की दीवानगी में डूबे हैं, आइये आपको हैड और टेल का निराला खेल बताते हैं। यहां हार हमेशा ‘टेलÓ वालों की ही होती है। लिहाजा, उनका संघर्ष सदैव जिन्दा रहता है। चिंता भी उन्हें सीजन शुरू होते ही होने लगती है। हम बात कर रहे हैं कोटा के सिंचित क्षेत्र के किसानों की। यह नहरी पानी की कहानी है।
दरअसल, चंबल सिंचित क्षेत्र विकास विभाग (सीएडी)के अधीन आने वाली दांई मुख्य नहर से निकल रही अयाना ब्रांच कैनाल के सुदृढ़ीकरण के कार्य पूरे नहीं होने से क्षेत्र के किसान चिंतित हैं। पिछले वर्ष से कार्य कर रही निर्माण एजेंसी ने सामान समेट चुकी है, सिंचाई विभाग ने उसे 9 करोड़ का भुगतान भी कर दिया। इस बीच माइनरों पर कराए गए कई कार्य दरकने लगे हैं और किसानों फिर टेल तक पानी नहीं पहुंचने की चिंता सता रही है। हालांकि विभाग कार्य पूर्ण कराने के लिए फि र से टेण्डर प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार करीब 19 किलोमीटर अयाना ब्रांच कैनाल समेत अयाना डिस्ट्रीब्यूटरी और इससे जुड़े दर्जन भर माइनरों के सुदृढ़ीकरण के लिए 43 करोड़ के कार्य स्वीकृत हुए थे। टेण्डर के बाद अहमदाबाद की एक कंपनी ने कार्य शुरू किया। निर्माण कंपनी ने करीब 6 किलामीटर तक का कार्य पूर्ण कर दिया था तथा अन्य माइनरों के भी कार्य किए। इस वर्ष नहरों में पानी बंद होने के बाद शेष कार्य शुरू होने थे, लेकिन कंपनी ने आगे कार्य करने से मना कर दिया। इसके बाद से कार्य अधूरे रह गए हैं।
पाल क्षतिग्रस्त, बहा था पानी
निर्माण कंपनी ने पिछले वर्ष कार्य के दौरान अयाना ब्रांच कैनाल की मुख्य नहर की करीब 10 किलोमीटर तक पाल को बिगाड़ दिया है। इसमें केवल 6 किमी तक ही मरम्मत हो सकी। नतीजा, पिछले वर्ष जल प्रवाह के दौरान कई स्थानों पर पालों के ऊपर से पानी बहकर खेतों में भर गया। इस पर सिंचाई विभाग ने मुख्य नहर से पानी कम कर दिया।
इसका खामियाजा टेल क्षेत्र के किसानों ने भुगता। वहां पानी नहीं पहुंच सका। पानी नहीं मिलने के कारण किसान लगातार प्रदर्शन करते रहे। कई बार गेटों को बंद करने तथा चालू करने के लिए किसानों में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हुई। अब फिर से खरीफ की फसल में भी यही स्थिति आने की आशंका है।
उखड़े घटिया निर्माण
निर्माण कंपनी द्वारा कमलदा माइनर की पालों का निर्माण कार्य कराया गया था। तब किसानों ने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए विरोध भी किया तो कंपनी ने कार्य बन्द कर दिया। बाद में कंपनी द्वारा किए गए निर्माण एक ही सीजन में ध्वस्त हो गए। किसानों ने बताया कि अब फिर खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाएगा। घटिया निर्माण की शिकायतों के बाद भी विभाग ने 9 करोड़ का भुगतान कर दिया।
घटिया जैसी कोई बात नहीं
इधर, मामले में दांयी मुख्य नहर, खण्ड अन्ता के अधिशासी अभियन्ता पीसी गुप्ता ने पत्रिकाडॉटकॉम को बताया कि निर्माण कंपनी ने अयाना ब्रांच कैनाल में कार्य करने से मना कर दिया है। फिर से टेंडर प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाए गए हैं। कंपनी को करीब 9 करोड़ का भुगतान कर दिया है, घटिया निर्माण जैसी कोई बात नहीं आई। आगामी सीजन में नहरी पानी निर्बाध रखने का प्रयास रहेगा।
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