खानापूर्ति कर रहे सीएडी के अधिकारी
सीएडी के अधिशासी अभियंता ने नहरी तंत्र की चौड़ाई कम करने पर जिस जगह कार्य करने की एनओसी दी गई उसे निरस्त करने की चेतावनी दी, लेकिन इसके बाद कमियां दूर नहीं करने पर भी एनओसी निरस्त नहीं की गई। वहीं 50 स्थानों पर बिना एनओसी के ही कार्य हो रहा है। इसके बाद भी कोई कानूनी प्रक्रिया अमल में नहीं लाई गई। ऐसे में किसानों ने सीएडी के अभियंताओं पर भी ठेकेदार फर्म से मिलीभगत का आरोप लगाया है। किसानों ने अभियंताओं की भूमिका की भी जांच करने की मांग रहे हैं। किसान राकेश सनाढ्य ने बताया कि सीएडी के अभियंता फील्ड में सब देखते हैं फिर भी बिना अनुमति के कार्य क्यों हो रहा है। उन्होंने बताया कि कंवरपुरा, जालिमपुरा, मंडोला, कल्याणपुरा, भगतरी, खेड़ली तंवरान, नोताड़ा, झाडग़ांव, रामनगर सहित अन्य कई गांवों के किसानों में सीएडी का नहरी तंत्र बिगडऩे पर असंतोष है।
सीएडी के अधिशासी अभियंता ने नहरी तंत्र की चौड़ाई कम करने पर जिस जगह कार्य करने की एनओसी दी गई उसे निरस्त करने की चेतावनी दी, लेकिन इसके बाद कमियां दूर नहीं करने पर भी एनओसी निरस्त नहीं की गई। वहीं 50 स्थानों पर बिना एनओसी के ही कार्य हो रहा है। इसके बाद भी कोई कानूनी प्रक्रिया अमल में नहीं लाई गई। ऐसे में किसानों ने सीएडी के अभियंताओं पर भी ठेकेदार फर्म से मिलीभगत का आरोप लगाया है। किसानों ने अभियंताओं की भूमिका की भी जांच करने की मांग रहे हैं। किसान राकेश सनाढ्य ने बताया कि सीएडी के अभियंता फील्ड में सब देखते हैं फिर भी बिना अनुमति के कार्य क्यों हो रहा है। उन्होंने बताया कि कंवरपुरा, जालिमपुरा, मंडोला, कल्याणपुरा, भगतरी, खेड़ली तंवरान, नोताड़ा, झाडग़ांव, रामनगर सहित अन्य कई गांवों के किसानों में सीएडी का नहरी तंत्र बिगडऩे पर असंतोष है।