कोच व खिलाडिय़ों ने बदला ट्रेनिंग का तरीका, ऑनलाइन या छतों पर ले रहे प्रशिक्षण गौरतलब है कि यह नई मशीन कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना के प्रयासों से केन्द्र सरकार से स्वीकृत कराई गई। 28 लाख की लागत से नई पीसीआर मशीन वैसे तो एमआरएस लैब में कैंसर, ब्लड प्रेशर, लकवा, स्ट्रोक के रिलेटेड रिसर्च में काम आएगी। लेकिन फिलहाल इसे कोरोना सेम्पल की जांच के लिए काम में लिया। उसके बाद उसे अन्य रिसर्च कार्यों में लिया जाएगा। इस मशीन से एक बार में 34 सेम्पल लग सकेंगे। ऐसे में पूरे 24 घंटे में चार राउंड में 150 तक टेस्ट होंगे। इससे सेम्पल जांच की संख्या बढ़ जाएगी।
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पुरानी मशीन से चला रहे थे काम
संभाग मुख्यालय होने के बावजूद कोटा में कोरोना सेम्पल की जांच नहीं हो रही थी। उन सेम्पलों को जयपुर या झालावाड़ भेजा जा रहा था। इससे मरीजों की रिपोर्ट दूसरे दिन मिल रही थी। ऐसे में कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पहल करते हुए बुधवार से पुरानी स्वाइन फ्लू जांच मशीन से ही कोरोना सेम्पल की जांच
की सुविधा शुरू की थी। इसमें करीब एक बार में 22 सेम्पलों की जांच हो रही थी।