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करोड़ों रुपए का बजट, फिर भी नहीं सुधरे नहरी तंत्र के हाल

locationकोटाPublished: Feb 11, 2021 10:55:05 am

Submitted by:

Haboo Lal Sharma

हाड़ौती की लाइफ लाइन चम्बल से निकलने वाली नहरों की हालत खस्ता है। सीएडी विभाग की अनदेखी के चलते मुख्य नहरों, डिस्ट्रीब्यूटरी व माइनरों की समय पर साफ-सफाई व रखरखाव नहीं करने से टेल क्षेत्र के किसान पानी को तरसते हैं।

पिछले दो सालों में मात्र सफाई के नाम पर खर्च किए 1 करोड़ रुपए

करोड़ों रुपए का बजट, फिर भी नहीं सुधरे नहरी तंत्र के हाल

कोटा. हाड़ौती की लाइफ लाइन चम्बल से निकलने वाली नहरों की हालत खस्ता है। सीएडी विभाग की अनदेखी के चलते मुख्य नहरों, डिस्ट्रीब्यूटरी व माइनरों की समय पर साफ-सफाई व रखरखाव नहीं करने से टेल क्षेत्र के किसान पानी को तरसते हैं। जबकि राज्य सरकार व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दायीं मुख्य नहर के रखरखाव के लिए करोड़ों रुपए का बजट जारी करने के बावजूद अधिकारियों की अनदेखी के चलते साफ-सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। चम्बल से निकलने वाली दायीं मुख्य नहर की सफाई के नाम पर पिछले दो सालों में 1 करोड़ रुपए खर्च करने बावजूद हालात जस के तस हैं।
इस तरह चलता है खेल
सीएडी से जुड़े अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चम्बल से निकलने वाली नहरों के रखरखाव के लिए करोड़ों का बजट आता है। अगर यह राशि नहरों पर खर्च कर दी जाए तो टेल क्षेत्र में भी पानी मिलने लग जाए। वर्ष 2019 में दायीं मुख्य नहर में कोटा से अंता डिविजन की टेल (लालकोठी) तक नहर के अंदर जमा मलबे व गंदगी को निकालने के लिए 2.30 करोड़ के कार्यादेश जारी हुए। विभाग ने कोटा, अंता व दीगोद क्षेत्र में नहर में कुछ स्थानों पर टुकड़ों में 50 लाख के कार्य करवाए। बाकी नहर की सफाई नहीं की गई। इसी तरह वर्ष 2020 में भी किशोरपुरा से डाढ़देवी नहर की पुलिया तक साफ सफाई के कार्यादेश जारी किए गए। सीएडी प्रशासन नहर चलने का इंतजार करता रहा और जैसे ही नहरें चली तो 50 लाख खर्च कर दिए गए। नहर में सफाई कार्य दिखाने के लिए मशीनों से नाग नागिन मंदिर के पास एक-दो दिन नहर में जमा मलबे को बाहर निकालने के बजाय मशीनों से नहर में किनारों पर एकत्र कर छोड़ दिया गया। जैसे ही नहर में पानी छोड़ा तो मलबा वापस नहर में जमा हो गया।

खराब हालत में डिस्ट्रीब्यूटरी व माइनर
दायीं मुख्य नहर में राजस्थान सीमा तक करीब 10 डिस्ट्रीब्यूटरी हैं। प्रत्येक ब्रांच की मरम्मत व सफाई के लिए 5 से 7 लाख का टेण्डर होता है। वर्ष 2019 में डिस्ट्रीब्यूटरी व माइनरों की मरम्मत व सफाई के नाम पर 1.25 करोड़ का भुगतान किया गया है।

मुझे जानकारी नहीं
-नहरों की सफाई पिछले समय कब हुई, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में आप एसई से बात करें।
असीम मार्कण्डेय, चीफ इंजीनियर सीएडी जयपुर


करवाएंगे सफाई
– बायीं मुख्य नहर की सफाई जब नहर बंद रहती है, तब लगातार कराई जाती है। पिछले अक्टूबर माह से नहरें लगातार चल रही हैं। उसके पहले नहर में नाग नागिन मंदिर के पास मशीनों से मलबा एकत्र करवाया और उसे बाहर नहीं निकाला, उस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। जैसे ही अब मुख्य नहर बंद होगी, सफाई का काम शुरू करवा दिया जाएगा।- राजीव कुमार, एसई, दायीं मुख्य नहर, सीएडी कोटा

दायीं मुख्य नहर
372 किलोमीटर नहर की कुल लम्बाई
124 किलोमीटर राजस्थान सीमा में लम्बाई
248 किलोमीटर मध्यप्रदेश सीमा में लम्बाई
रखरखाव की हिस्सेदारी
24.6 प्रतिशत राजस्थान सरकार की
75.4 प्रतिशत मध्यप्रदेश सरकार की

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