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एेसा था शोभायात्रा का स्वरूप शोभायात्रा करीब एक से डेढ़ किमी लम्बी थी। इसका एक छोर केशवपुरा तो दूसरा महावीर नगर तृतीय चौराहे के पास था। शोभायात्रा में बैण्ड-बाजे, डीजे, हाथी, घोड़े, झांकियां शामिल थी। सबसे आगे समाज के प्रबुद्धजन और करीबन २१ घुड़सवार धर्मध्वजा लहराते चल रहे थे। इसी क्रम में हाथी और ऊंट गाडि़यां चल रही थी। इनमें बच्चे सवार थे। साथ ही, डीजे व बैण्ड बाजों पर जद नाचूं म्हारा कान्हा…, साडू माता सूती छै भोजा का रंग महल में…, जगत मं देवधणी की जय जयकार… सरीखे भजनों पर श्रद्धालु नृत्य कर रहे थे। धोकड़े हनुमान मंदिर के पास एडवोकेट मनीष गुर्जर और हेमेश गोचर सहित कई समाज बंधुओं ने शोभायात्रा का स्वागत किया।
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श्रद्धालु उमड़ पड शोभायात्रा जिस मार्ग से निकली, इसे देखने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। सडक़ें लोगों से अटी नजर आई। शोभायात्रा केशवपुरा चौराहा, रंगबाड़ी रोड, मेडिकल कॉलेज रोड होते हुए देवनारायण मंदिर पहुंची। इससे पहले प्रतीकात्मक रूप में किशोरपुरा स्थित पदमनाथजी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद शोभायात्रा महावीर नगर विस्तार योजना पहुंची, जहां से महासभा के संरक्षक रामलाल गुंजल ने समाज के अन्य पदाधिकारियों के साथ रवाना किया। आयोजन समिति अध्यक्ष महेश घरड़, महामंत्री हरीश खटाणा, गोपाल चौहान, सह संयोजक नंदलाल कसाणा व अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे। मनभावन झांकियां शोभायात्रा में डेढ़ दर्जन झांकियां शामिल हुई। इनमें राधाकृष्ण, देवी पार्वती, भगवान देवनारायण, साडू माता समेत कई मनभावन झांकियां शामिल हुई। घोडि़यों का नृत्य शोभायात्रा में ट्रोला व तेजाजी नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। ट्रोला डांस में लम्बे ट्रोले में भजन मंडलियों के साथ कलाकार नृत्य करते चल रहे थे। इसके अलावा भीलवाड़ा की घोडि़यां भी आकर्षण का केन्द्र रही। कसाणा के अनुसार भीलवाड़ा से सात घोडियां मंगवाई गई थी, ये गीतों के साथ नृत्य कर लोगों को आश्चर्य में डाल रही थी।
दिखाए हैरतअंगेज करतब मार्ग में ५ अखाड़ों के करीब ६०० अखाड़बाजांें ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर लोगों को रोमांचित किया। उन्होंने तलवार, चकरी, लाठी, बनेठी के अलावा ट्यूबलाइट चबाना, सीने पर पत्थर तोडऩा समेत कई करतब दिखाए।
जगह जगह स्वागत मार्ग में जगह-जगह स्वागतद्वार सजे हुए थे। लोगों ने कहीं फूलों की वर्षा की तो कहीं प्रसाद के रूप में फल, नुक्ति आदि वितरित किए। कई जगहों पर पानी की व्यवस्था की गई।