अजमेर-नसीराबाद-सवाई माधोपुर-चौथ का बरवाड़ा वाया टोंक होकर प्रस्तावित 165 किमी नई लाइन परियोजना खटाई में पड़ गई है। इस योजना को वर्ष 2015-16 में इस शर्त के साथ स्वीकृत किया गया था कि राजस्थान राज्य सरकार की ओर से परियोजना की अंतिम निर्माण लागत में 50 प्रतिश्त भागीदारी रहेगी। इसके साथ ही भूमि भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाए।
लोकसभा में बुधवार को भरतपुर सांसद रंजीता कोली और अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी के सवाल के जवाब में रेलमंत्री ने अवगत कराया कि राज्य सरकार ने इस योजना में हिस्सेदारी देने से मना कर दिया है। इस कारण इस योजना को रोक दिया है।
इसी तरह सवाई माधोपुर से जयपुर के बीच पिछले बजट में स्वीकृत दोहरीकरण और आमान परिवर्तन प्रोजेक्ट भी क्लीयरेंस के अभाव में अटकी हुई। इस पर प्रोजेक्ट पर 946.13 करोड़ राशि खर्च होने का अनुमान है।
इसके तहत 131 किमी रेललाइन का दोहरीकरण प्रस्तावित किया गया था। इस योजना के पूरा होने पर कोटा से जयपुर जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार और संख्या बढ़ाना आसान होगा। वहीं ट्रेनों के संचालन समय में भी कमी आ सकेगी।