डीएसपी हर्षराज खरेड़ा ने बताया कि दोनों आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में जेल में हैं। मामले में 27 जून से ट्रायल शुरू होने की संभावना है। आरोपियों को बीस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ्तार किया था।
यह भी देखें : murder case : खेत में बनी मेड़ को लेकर विवाद, कुल्हाड़ी से वारकर चेचेर भाई की कर दी हत्या गौरतलब है कि परिवादी भरतपुर रेलवे स्टेशन के खान-पान निरीक्षक हेमराज मीणा ने भरतपुर एसीबी में शिकायत दी थी। इसमें बताया था कि हिंडौन सिटी रेलवे स्टेशन पर कैटरिंग वेंडर का काम करने वाले महेश कुमार शर्मा ने फोन कर चार्जशीट फाइनल करवाने की बात कहते हुए 20 हजार का खर्चा-पानी मांगा था। इसके बाद शिकायत सत्यापन कराया गया। सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। भरतपुर की एसीबी टीम ने 31 मार्च रात को ट्रेप की कार्रवाई की। जैसे ही परिवादी ने 20 हजार की रिश्वत केटरिंग वेंडर ने सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल को दिए, एसीबी की टीम ने दोनों को दबोच लिया। अजय पाल ने रिश्वत की रकम उसकी टेबल की रैक में रखी थी। सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल के घर पर तलाशी के दौरान टीम को 8 लाख रुपए मिले थे। यह राशि अलग-अलग लिफाफों में थी। साथ ही 3 बैंक अकाउंट, 3 एलआईसी पॉलिसी के दस्तावेज मिले। इसके अलावा यूपी के लखनऊ में 2 प्लॉट व 1 फ्लैट के दस्तावेज जब्त किए थे।