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मौत के मुंह से लौटी शिवानी बोली, बहन-पिता मोटरसाइकिलों के नीचे दब गए थे, इसलिए नहीं निकल पाए

locationकोटाPublished: Sep 17, 2020 08:02:31 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

अयाना (कोटा). अभी भी आंखों में नींद के बजाय वो खौफनाक मंजर घूम रहा है। बुधवार को चम्बल नदी में हुए हादसे में तलाव निवासी अपने पिता दिनेश राठौर तथा छोटी बहन राधिका को खो चुकी शिवानी को रातभर नींद नहीं आई। परिजन घटना को भुलाकर उसे बार बार सुलाने की कोशिश करते, लेकिन शिवानी हर बार उठ खड़ी होती। शिवानी ने रात आंखों में काटी।

मौत के मुंह से लौटी शिवानी बोली, बहन-पिता मोटरसाइकिलों के नीचे दब गए थे, इसलिए नहीं निकल पाए

मौत के मुंह से लौटी शिवानी बोली, बहन-पिता मोटरसाइकिलों के नीचे दब गए थे, इसलिए नहीं निकल पाए

अयाना (कोटा). अभी भी आंखों में नींद के बजाय वो खौफनाक मंजर घूम रहा है। बुधवार को चम्बल नदी में हुए हादसे में तलाव निवासी अपने पिता दिनेश राठौर तथा छोटी बहन राधिका को खो चुकी शिवानी को रातभर नींद नहीं आई। परिजन घटना को भुलाकर उसे बार बार सुलाने की कोशिश करते, लेकिन शिवानी हर बार उठ खड़ी होती। शिवानी ने रात आंखों में काटी। पिता का सिर से हाथ उठ गया है। बेचैन शिवानी कभी पिता को तो कभी छोटी बहन को याद करती है।
परिजनों के अनुसार हर बार की तरह इस बार भी जब पिता दिनेश कमलेश्वर जाने लगे तो चार बहनों में से दोनों बड़ी बहनों ने साथ जाने की जिद पकड़ ली। इस पर मां ने दोनों को नए कपड़े साथ देकर पिता के साथ रवाना कर दिया।
शिवानी ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि हम नाव में सवार हो गए तो पापा ने मुझे नाव में मौजूद मोटरसाइकिल पर बैठा दिया और छोटी बहन राधिका को लेकर नीचे बैठ गए। नाव रवाना ही हुई थी कि थोड़ी दूर जाने पर अचानक सब नीचे कूदने लगे। मैं संभलती तब तक नाव डूब गई थी। मैं पानी में गिर चुकी थी तथा चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। अचानक एक जने ने मेरी चोटी पकड़कर मुझे किनारे तक खींच लिया। शिवानी के अनुसार पापा तथा बहन के ऊपर मोटरसाइकिलें गिर गई। इस कारण उन्हें तैरकर बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।
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