scriptचम्बल का घुट रहा दम, डाउन स्ट्रीम के लिए नहीं कोई योजना | Chambal is suffocating, no plans for down stream | Patrika News

चम्बल का घुट रहा दम, डाउन स्ट्रीम के लिए नहीं कोई योजना

locationकोटाPublished: Jun 25, 2021 09:39:03 am

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

वर्ष 2009 में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत चम्बल को शुद्ध करने की योजना बनी थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई। विफल होने के कारण करोड़ों रुपए खर्च करके बीच में ही काम बंद कर दिया। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा योजना के तहत फिर 258.48 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। इसके अलावा नगर विकास न्यास की ओर से करीब 800 करोड़ रुपए लागत से चम्बल रिवरफ्रंट का निर्माण और अन्य विकास कार्य प्रगति पर हैं।

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कोटा. चम्बल नदी पर कोटा बैराज से नयापुरा पुल तक रिवरफ्रंट और शुद्धीकरण योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन नयापुरा से आगे नदी की अनदेखी हो रही है। डाउन स्ट्रीम में नदी का दम घुटने लगा है। नयापुरा पुल के बाद से नदी का स्वरूप बदलने लगता है, रेलवे ब्रिज के पास आते-आते नदी उथली हो रही है। यहां जलकुंभी ने पूरे जलीय भाग को ढक लिया है। इतना ही नहीं यहां नदी किनारे में मिट्टी का खनन भी किया जा रहा है। पत्रिका संवाददाता ने मौके का जायजा लिया तो पाया कि चम्बल के किनारे जहां कोई आता जाता नहीं, वहां मिट्टी खोदकर जमीन समतल की जा रही है। मौके पर ऐसा दिखता है जैसे कोई बस्ती बसाने की तैयारी हो रही है। ट्रेक के पास चम्बल नदी के किनारे बड़ा कचरा केन्द्र बना हुआ है, जहां पूरे इलाके का कचरा डाला जा रहा है। इसमें हर तरह का कचरा है जो बारिश में पानी के लिए नदी तक पहुंचता है। सदानीरा चम्बल नदी की हालत सुधारने के नाम पर पिछले सालों में करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं। वर्ष 2009 में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत चम्बल को शुद्ध करने की योजना बनी थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई। विफल होने के कारण करोड़ों रुपए खर्च करके बीच में ही काम बंद कर दिया। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा योजना के तहत फिर 258.48 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। इसके अलावा नगर विकास न्यास की ओर से करीब 800 करोड़ रुपए लागत से चम्बल रिवरफ्रंट का निर्माण और अन्य विकास कार्य प्रगति पर हैं। इस तरह करीब 1 हजार करोड़ से ज्यादा राशि चम्बल पर खर्च होगी। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के अन्तर्गत कोटा शहर में 3 चरणों में सीवरेज तंत्र बनेगा, लेकिन इस योजना में डाउन स्ट्रीम के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है।
इन इलाके के नालों को रोका जाएगा

पहले चरण में तलवंडी सेक्टर बी, सी, जवाहर नगर, दादाबाड़ी विस्तार, बालाकुंड, बसंत विहार, शास्त्री नगर, प्रताप नगर, शक्ति नगर, शिवपुरा, किशोरपुरा और वक्फ नगर शामिल हैं। इस पर 81.63 करोड़ खर्च होंगे। दूसरे चरण में लाडपुरा, रामपुरा, सब्जीमंडी, घंटाघर, कैथूनीपोल, साबरमति कॉलोनी में सीवरेज डलेगी। इस पर 84.25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। तीसरे चरण में कुन्हाड़ी, सकतपुरा, पंचवटी कॉलोनी, अम्बेडकर नगर और कृष्णा नगर में सीवरेज तंत्र विकसित होगा। इस पर चरण में 41.22 करोड़ खर्च होंगे।
कोटा में दो दृश्य दिखेंगे
आने वाले समय में कोटा में चम्बल के दो दृश्य देखने को मिलेंगे। कोटा बैराज से नयापुरा पुल तक रिवरफ्रंट बनाया जा रहा है। वहीं 258.48 करोड़ गंदे नालों के पानी का ट्रीटमेंट करने की योजना पर खर्च होंगे, लेकिन इससे आगे नदी के सुधार के लिए कोई योजना नहीं है।
चम्बल पर ऐसे खर्च होंगे 1 हजार करोड़ से ज्यादा
307 करोड़ कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक रिटेंनिंग वॉल के निर्माण पर
130 करोड़ बैराज से चम्बल पुलिया तक ईस्ट बैंक फसाड़ कार्य पर 90 करोड़ रुपए वेस्ट बैंक फसाड़ के कार्य पर
190 करोड़ रुपए रिवरफ्रंट पर सीवर प्रबंधन, विद्युत और पानी के कार्यों पर
42 करोड़ की लागत से बैराज के पास गार्डन
34 करोड़ की लागत से नयापुरा पुलिया के पास गार्डन का निर्माण 2.90 करोड़ की लागत से पार्किंग स्थल
5 करोड़ 40 लाख रिवरफ्रंट पर 33 केवी विद्युत सब स्टेशन का निर्माण
258.48 करोड़ चम्बल शुद्धीकरण परियोजना
चम्बल के पास कचरा केन्द्र को दिखवाया जाएगा। नदी के किनारे कचरा नहीं डालने की व्यवस्था करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए हैं। निगम की ओर से नदी को स्वच्छ बनाए रखने के हर संभव प्रयास करेंगे।- मंजू मेहरा, महापौर, कोटा उत्तर नगर निगम

केन्द्र सरकार की पहल पर दुबारा चम्बल शुद्धीकरण की योजना के लिए राशि स्वीकृत की गई है, उसका सदुपयोग करके सभी गंदे नालों को नदी में गिरने से रोकना चाहिए। डाउन स्ट्रीम के लिए भी राज्य सरकार योजना बनाए।
-संदीप शर्मा, विधायक
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा योजना के तहत नाला ट्रेपिंग और सीवरेज का कार्य होना है। पहले के अधूरे नेटवर्क को एसटीपी से जोड़ा जा रहा है। कुछ काम हो गया है। चम्बल के किनारे पाइपलाइन डाली है उससे नालों का पानी एसटीपी में लाया जाएगा।
-सी. पी. शुक्ला, अधिशासी अभियंता, नगर विकास न्यास
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