scriptके.ई.डी.एल. के अभियंताओं से कान पकड़वाने का मामला ,न्यायालय ने पूर्व विधायक राजावत के खिलाफ चार्जशीट पेश | Charge sheet presented against former MLA Bhavani Singh Rajawat in cou | Patrika News

के.ई.डी.एल. के अभियंताओं से कान पकड़वाने का मामला ,न्यायालय ने पूर्व विधायक राजावत के खिलाफ चार्जशीट पेश

locationकोटाPublished: Dec 10, 2019 07:16:02 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने राजावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

के.ई.डी.एल. के अभियंताओं से कान पकड़वाने का मामला ,न्यायालय ने पूर्व विधायक राजावत के खिलाफ चार्जशीट पेश

के.ई.डी.एल. के अभियंताओं से कान पकड़वाने का मामला ,न्यायालय ने पूर्व विधायक राजावत के खिलाफ चार्जशीट पेश

कोटा.भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत मंगलवार को बिजली कम्पनी के.ई.डी.एल. के अभियंताओं से कच्ची बस्ती के लोगों के सामने सार्वजनिक रूप से कान पकड़वाने के मामले में न्यायालय में उपस्थित हुये। वहीं कम्पनी के अभियंता भी हाजिर हुए।
मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने राजावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था। जिसको लेकर उद्योग नगर थाना पुलिस ने न्यायालय में उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की। वहीं बिजली कम्पनी के इंजीनियरों ने न्यायालय में लिखित में दिया कि राजावत ने उनके कान पकड़वाकर उनका कोई अपमान नहीं किया था बल्कि उद्धेलित भीड़ के बीच उनका बचाव ही किया था।
उन्होंने बिलों में सुधार के लिये स्वयं ने ही जनता के सामने कान पकड़कर माफी मांगी थी। बल्कि उत्तेजित भीड़ के बीच में राजावत ने उनका बचाव ही किया। न्यायालय पी.सी.पी.एन.डी.टी. कोटा के समक्ष अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ राजावत कोर्ट में पेश हुए। जहां पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट पेश करते हुए कहा कि उन्होंने अभियंताओं के सार्वजनिक रूप से कान पकड़वाकर अभद्र व्यवहार करते हुये उनका अपमान किया है।
जबकि अभियंताओं ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुये कहा कि उन्होंने अपमान नहीं बल्कि जनता के बीच उनका बचाव किया। अभिवक्ता पृथ्वीराज सिंह शक्तावत, नरेश स्वामी, सीताराम मुराड़िया ने राजावत का पक्ष रखते हुए मुकदमे में उनका जमानती प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत किया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
न्यायालय से बाहर निकलते ही अपने समर्थकों के साथ पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये राजावत ने कहा कि उन्होंने तो राज में रहते हुये भी बिजली को ठेके में देने का खुला विरोध किया था। साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया था कि वह कोटा की जनता को लुटने से बचाए और आज अभी वैसा ही हो रहा है। वर्तमान सरकार के ताकतवर स्वायत्त शासन मंत्री को भी कम्पनी के विरूद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाना पड़ा है।
उनका आरोप है कि कम्पनी ने जयपुर डिस्कॉम से एक लाख यूनिट बिजली खरीदी और उपभोक्ताओं को तीन लाख यूनिट के बिजली के बिल थमा दिए। मंत्री का यह आरोप जांच का विषय है और अगर यह सही पाया जाता है तो सरकार को भी चूना लगाने वाली कम्पनी आम जनता को किस प्रकार लूट रही है। यह तो सरकार ही न्याय करे। सरकार को चाहिये कि जनता को राहत दिलाने के लिए कठोर कदम उठाये क्योंकि राज के हाथ बहुत लम्बे होते है।
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