यह है मामला
कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन डॉ. अनिल सोनी ने बताया कि रामपुरा जिला अस्पताल में तीन मेडिसिन चिकित्सक सेवानिवृत्त हो गए। वे मेडिकल कॉलेज से अधीन आते है। प्राचार्य के आदेश से जुलाई 2018 से वे रामपुरा जिला अस्पताल में पदस्थापित है। यहां कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन का एक ही पद सृजित है। इस कारण उनका वेतन कनवास से बनता है। रामपुरा जिला अस्पताल सीएमएचओ के अधीन नहीं, मेडिकल कॉलेज के अधीन आता है।
कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन डॉ. अनिल सोनी ने बताया कि रामपुरा जिला अस्पताल में तीन मेडिसिन चिकित्सक सेवानिवृत्त हो गए। वे मेडिकल कॉलेज से अधीन आते है। प्राचार्य के आदेश से जुलाई 2018 से वे रामपुरा जिला अस्पताल में पदस्थापित है। यहां कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन का एक ही पद सृजित है। इस कारण उनका वेतन कनवास से बनता है। रामपुरा जिला अस्पताल सीएमएचओ के अधीन नहीं, मेडिकल कॉलेज के अधीन आता है।
उसके बाद भी सीएमएचओ ने सरकार को वेतन आहरण संस्थान पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव में एक दर्जन से अधिक चिकित्सकों को अधिशेष श्रेणी में बताया। यानी ये सभी काम दूसरी जगह कर रहे है और सैलरी किसी अन्य संस्थान से आहरित की जा रही है। प्रस्तावों में इन्हें उसी स्थान पर लगाने का अनुरोध किया गया था, जहां से इनका वेतन आहरित हो रहा है।
डॉ. अनिल सोनी का कहना है कि जब इस संबंध में सीएमएचओ कार्यालय में सम्पर्क किया तो वहां मौजूद बाबू सत्यनारायण ने सीएमएचओ का नाम लेकर 1 लाख रुपए की मांग की। डॉ. सोनी ने आरोप लगाया कि सीएमएचओ ने किस नियम के तहत मेरे नाम का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा। जबकि में मेडिकल कॉलेज के अधीन आता हूं। उन्होंने मीडिया में खबर प्रकाशित करवाकर सरकार को गलत सूचना भेजकर मानसिक प्रताडि़त करने का भी आरोप लगाया है।
डॉ. सोनी ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर मीडिया में अपनी भूल सुधार कर खबर का खंडन प्रकाशित करवाने का अनुरोध किया। इसकी प्रति शासन उप सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, निदेशक चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के नाम भी लिखी है। भूल सुधार नहीं होने पर न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी दी है।
दस हजार रुपए की भी मांग
डॉ. सोनी ने यह भी आरोप लगाया है कि सीएमएचओ का नाम लेकर बाबू सत्यनारायण ने पहले भी डेपुटेशन निरस्त करने को लेकर दस हजार की मांग की थी, लेकिन उन्होंने नहीं दिए।
डॉ. सोनी ने यह भी आरोप लगाया है कि सीएमएचओ का नाम लेकर बाबू सत्यनारायण ने पहले भी डेपुटेशन निरस्त करने को लेकर दस हजार की मांग की थी, लेकिन उन्होंने नहीं दिए।
इनका यह कहना आरोप निराधार…
डॉ. अनिल सोनी जो आरोप लगा रहे है, वे निराधार है। मैंने डॉ. अनिल सोनी से डेपुटेशन निरस्त व सैलरी बनाने को लेकर सीएमएचओ के नाम पर रुपए नहीं मांगे। पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उन्होंने आरोप लगाया है। द्वेषतापूर्वक अधिकारी पर डेपुटेशन निरस्त करने का दबाव बनाया जा रहा है। सरकारी आदेश आए थे। जिस कार्यालय के अधीन चिकित्सक लगे और जहां से सैलरी ले रहे है। उन्हें समायोजन करने व दूसरी जगह से वेतन आहरण संस्थान पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव भेजा।
सत्यनारायण, बाबू, सीएमएचओ कार्यालय
मैंने किसी चिकित्सक से सैलरी व डेपुरटेशन निरस्त करने को लेकर कोई राशि नहीं मांगी है। मुझे सरकार के आदेश मिले थे कि अधिशेष श्रेणी में आने वाले चिकित्सकों को, जो काम दूसरी जगह कर रहे है और सैलरी किसी अन्य संस्था से आहरित की जा रही है। ऐसे में इन्हें उसी संस्थान में लगाने का प्रस्ताव भिजवाया है। जहां से इनकी सैलरी आहरित हो रही है। मैंने डॉ. अनिल सोनी का डेपुटेशन निरस्त करने व सैलरी रोकने का कोई प्रस्ताव नहीं भिजवाया है। मेरे खिलाफ कोटा में कोरी राजनीति चल रही है। मेरे खिलाफ गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
मैंने किसी चिकित्सक से सैलरी व डेपुरटेशन निरस्त करने को लेकर कोई राशि नहीं मांगी है। मुझे सरकार के आदेश मिले थे कि अधिशेष श्रेणी में आने वाले चिकित्सकों को, जो काम दूसरी जगह कर रहे है और सैलरी किसी अन्य संस्था से आहरित की जा रही है। ऐसे में इन्हें उसी संस्थान में लगाने का प्रस्ताव भिजवाया है। जहां से इनकी सैलरी आहरित हो रही है। मैंने डॉ. अनिल सोनी का डेपुटेशन निरस्त करने व सैलरी रोकने का कोई प्रस्ताव नहीं भिजवाया है। मेरे खिलाफ कोटा में कोरी राजनीति चल रही है। मेरे खिलाफ गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
डॉ. बीएस तंवर, सीएमएचओ, कोटा