स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा दी। बीसीएमओ डॉ. गिरिराज मीणा ने बताया कि 7 दिन पहले हरिपुरा गांव में चिकन पॉक्स के रोगी मिलने की सूचना मिली थी। टीम भेजकर पीडि़त बच्चों को दवा दे दी थी। गुरुवार को डब्ल्यूएचओ की टीम ने गांव का दौरा कर मरीजों का स्वास्थ्य जांचा। टीम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुल्तानपुर से डॉ. मोहम्मद परवेज खान, नर्सिग ऑफिसर मुकेश राठौर, हेमराज गुर्जर व चेतन मीणा शामिल रहे।
ये हैं लक्षण यह वायरल है, जो साफ-सफाई न होने के चलते संक्रमण से फैलता है। इसमें बदन में लाल रंग के दाने आने लगते हैं। साथ ही बुखार भी आता है।
इस तरह से फैलती है ये बीमारी
– खांसते या छींकते समय हवा के साथ निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदों से।
– मुंह के लार से, जूठा पीने से। – एक दूसरे के सम्पर्क में आने से।
– किसी गंदी सतह को छूने से।
– गर्भावस्था, प्रसव या देखभाल के दौरान मां से बच्चे को।
चिकन पॉक्स एक संक्रामक रोग है। इसके संक्रमण के ठीक होने में 7 से 10 दिन का समय लग सकता है। इसमें छोटे दाने व फफोले हो जाते हैं। इसका उपचार एंटी वायरल दवा, एंटी एलर्जिक दवा, कैलामाइन लोशन होता है।
– डॉ. ओपी सामर, प्रभारी सीएचसी सुल्तानपुर