कोटा

Big News : जीवन बचाने वालों को नहीं मिल रहा उनकी भलाई का हक

मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजनाछह माह में भी नहीं मिला कोई हकदार

कोटाFeb 17, 2022 / 10:14 pm

shailendra tiwari

Big News :

सांगोद (कोटा). सांगोद क्षेत्र में आए दिन सड़क हादसे होते हैं। हादसों में घायलों को कभी पुलिस तो कभी 108 एंबुलेंसकर्मी अस्पताल पहुंचाते हैं। कई बार राह चलते लोग भी गंभीर घायलों को अपने वाहनों से अस्पताल पहुंचा देते हैं, लेकिन ऐसे लोग अभी तक अपने हक और सम्मान से दूर हैं।
हम बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना की। हादसों में गंभीर घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को सरकार ने जीवन रक्षक की उपाधि देकर पुरस्कार एवं सम्मान पत्र देने की योजना शुरू की, लेकिन बीते छह माह में किसी को चिकित्सा विभाग यह सम्मान नहीं दिला पाया। ऐसा भी नहीं कि लोग घायलों को लेकर अस्पतालों में नहीं पहुंच रहे हों, लेकिन जानकारी के अभाव में लोगों को उनका हक और सम्मान नहीं मिल पा रहा।
उल्लेखनीय है कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तुरंत उपचार मिल सके तथा उनकी जान बचाई जा सके, इसके लिए बीते वर्ष सितंबर में यह योजना शुरू की थी, लेकिन बीते छह माह में सांगोद क्षेत्र में किसी व्यक्ति को योजना का लाभ नहीं मिला।

पांच हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र
हादसों में घायलों की मदद में आमतौर पर लोग कतराते हैं। इस कारण कई बार घायलों को समय पर मदद नहीं मिलने से उनकी जान पर बन आती है। ऐसे में सरकार ने गंभीर स्थिति के घायलों को अपने संसाधनों से अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को 5 हजार रुपए व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की योजना शुरू की। योजना में मदद करने वाले व्यक्ति से पुलिस पूछताछ भी नहीं हो सकती, वहीं कोई शुल्क भी नहीं लिया जा सकता।

नहीं मिला किसी को लाभ
सांगोद क्षेत्र में बीते छह माह में कई हादसों में गंभीर घायलों को लोग अस्पतालों में लेकर पहुंचे, लेकिन योजना का लाभ किसी को नहीं मिला। हालत यह हैं कि अस्पतालों में योजनाओं को लेकर जानकारी तक नहीं है। अस्पतालों में एक रजिस्टर रखने तथा घायलों को लाने वालों के नाम व पते लिखने के निर्देश के बावजूद इसकी पालना नहीं हो रही। आम लोग तो जानकारी के अभाव में योजना से दूर हैं, लेकिन जिम्मेदार भी अनजान हैं।

राशि का होगा विभाजन
गंभीर श्रेणी के घायलों की मदद करने वाले लोग ज्यादा है तो सख्ती को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार राशि समान रूप से विभाजित कर दी जाएगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन को तीन दिन में अनुशंसा करनी होती है। योजना में ऐसे लोगों को लाभ नहीं मिलेगा जो घायल के रिश्तेदार है। वहीं 108 कर्मी, निजी एम्बुलेंस, पुलिसकर्मी तथा घायलों के परिजन को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन यहां तो बीते छह में किसी को लाभ नहीं मिला।

यह देनी होती है जानकारी
आमतौर पर ऐसे मामलों में लोग इनाम नहीं लेकर इसे मानवता के नाते किया अपना कर्तव्य मानकर चले जाते हैं, लेकिन कोई घायल की मदद करने पर इनाम लेने का इच्छुक है तो उसे अपना नाम, मोबाइल नंबर, बैंक खाता नंबर चिकित्सक को देना होता है। डॉक्टर की रिपोर्ट पर ही यह तय होगा की व्यक्ति गंभीर रूप से घायल था या नहीं। रिपोर्ट तैयार कर अस्पताल प्रशासन को उसे डायरेक्टर पब्लिक हैल्थ को भिजवानी होगी।

योजना में अभी तक किसी को लाभ नहीं मिला। विभागीय स्तर पर इसके विस्तृत दिशा निर्देश भी नहीं मिले। जल्द इसके प्रावधानों की जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. आर.सी. पारेता, चिकित्सालय प्रभारी सांगोद
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