इसके अलावा कई बच्चे खांसी, जुकाम व बुखार की चपेट में भी आ रहे हैं। अधिकांश बच्चों में वायरल बीमारी के लक्षण तीन से पांच दिन में ठीक हो रहे हैं। दोनों बीमारियों के रोजाना 10 मरीज आते हैं तो इनमें से 1 या 2 मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। 5 से 7 बच्चे बुखार के आ रहे हैं। ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। वर्तमान में जेके लोन अस्पताल में 350 से 400 बच्चों की ओपीडी चल रही है।
निमोनिया के कारण चिकित्सकों के अनुसार, वायरल निमोनिया व बाइलेटरल निमोनिया दो तरह के होते हैं। वायरल में श्वसन वायरस अक्सर निमोनिया का कारण होते हैं। बाइलेटरल निमोनिया संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण हो सकता है जो आपके फेफड़ों के भीतर हवा की थैलियों को तरल पदार्थ या मवाद से भरने का कारण बनता है।
एक्सपर्ट व्यू मौसम में हो रहे बदलाव के कारण इन दिनों वायरल व बाइलेटरल निमोनिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल में पहुंच रहे हैं। वहीं, सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार से पीड़ित बच्चे भी पहुंच रहे हैं। परिजनों को इस मौसम में बच्चों का ख्याल रखने की जरूरत है। बच्चों को ऊनी कपड़े पहनाकर रखें। रात में ठंड से बचा कर रखें। बुखार आने पर चिकित्सक से परामर्श लें।
डॉ. पंकज सिंघल, शिशु रोग विशेषज्ञ, जेके लोन अस्पताल