इस दौरान गार्डन में एक गाय भी चरती दिखी जो पेड़ पौधों को भी खा रही थी जिसे भी इन तीनों बच्चों ने बाहर निकाला। किशोरपुरा निवासी 11 वर्षीय धीरेंद्रसिंह बिट्टू ने बताया कि वो अपने छोट भाई गौरांश सिंह यदुवंशी व बहन दिव्यांशी के साथ मॉर्निंग वॉक के लिए गार्डन आए थे। सुबह करीब 7.30 बजे जब वो गांधी उद्यान में पहंुचे तो एक गाय चरती नजर आई।
पेड़ पौधों को नुकसान न हो और गार्डन की हरियाली भी बची रहे इसके लिए उन्होंने वहां घूमने वाले कइ लोगों को गाय भगाने के लिए बोला भी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में तीनों बच्चों ने मिलकर जैसे तैसे गाय को गार्डन से बाहर निकाला।
…झूलने का मानस बदला और जुट गए श्रमदान करनेगार्डन में अचानक सफाई दूत बनकर उतरे इन तीनों बच्चों के कार्य को मौजूद लोगों ने भी सराहा। यह तीनों बच्चे गुमानपुरा
मल्टीपरपज महात्माा गांधी इंग्लिश मीडियम से है। धीरेंद्र व गौरांश कक्षा 6 में और दिव्यांशी कक्षा की स्टूडेंट है। इन बच्चों का कहना था कि गार्डन हमारे कोटा की पहचान है, लेकिन यहां जगह-जगह फैला कचरा व टूटे डस्टबीन, सुरक्षा गार्ड की गैर मौजूदगी अच्छी बात नहीं है।
धीरेंद्र ने बताया कि गार्डन घूमने आने वाले लोग साथ में खाने की सामग्री लाते है और खाने के बाद कागज के टुकड़े व गंदगी छोड़ देते है, जबकि पास में कचरा पात्र है। जब उन्होंने जगह-जगह कचरा फैला दिखा तो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन याद आ गया और तीनों भाई बहनों ने झूला झूलने का मानस बदला और श्रमदान में जुट गए। देखते ही देखते उन्होंने काफी कचरा उठाकर कचरा पात्र में डाल दिया। इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेने की जरूरत है।
मुख्यद्वार पर नहीं दिखा चौकीदारगांधी उद्यान के मुख्यद्वार पर सुबह 8 बजे तक भी कोई चौकीदार नहीं नजर आया। गेट खुला हुआ था और आवारा मवेशी व कुत्ते घुस रहे थे।
निगम प्रशासन को चाहिए कि वो इस मामले को गंभीरता से ले और गार्डन में सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता बंदोबस्त करें।