स्कू लों में लौटेगी बच्चों की रौनक, बिना मास्क नहीं एंट्री
दस माह से अधिक समय से सुनसान पड़े स्कू लों में 18 जनवरी से 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की रौकन लौटेगी। शिक्षा विभाग व निजी स्कू ल संचालकों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है।

कोटा. दस माह से अधिक समय से सुनसान पड़े स्कू लों में 18 जनवरी से 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की रौकन लौटेगी। शिक्षा विभाग व निजी स्कू ल संचालकों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। राज्य सरकार के स्कू ल, कोचिंग व कॉलेज खोलने के आदेश के बाद संचालकों में खुशी देखी गई। कई स्कू लों ने नई गाइड लाइन के मुताबिक तैयारियां शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग ने भी गाइड लाइन के मुताबिक स्कू लों को तैयारियां करने के अधिकारियों को आदेश जारी किए है।
सरकार की ओर से एसओपी भी जारी की गई है। सभी स्कू लों को बच्चों की सुरक्षा व एहतियात के उपायों को लेकर विशेष ध्यान देना होगा। जानकारी के मुताबिक 18 जनवरी से कोटा जिले में स्कू ल खुलेंगे। कोटा जिले में 316 सरकारी स्कू ल है। इनमें करीब 50 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है। आरबीएसई व सीबीएसई के 540 निजी स्कू ल में करीब 50 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्यनरत है, यानी कुल 856 स्कू लों में 1 लाख से अािक विद्यार्थी स्कू लों का रुख करेंगे।
सभी कक्षाओं में क्षमता से आधे विद्यार्थियों को बिठाने के आदेश दिया गया, यानी 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होंगे। ऐसे में एक दिन छोड़कर एक दिन स्कू ल विद्यार्थी आ-जा सकेंगे। इसमें सबसे खास बात यह है कि स्कू ल आने के लिए विद्यार्थियों को अभिभावकों की लिखित अनुमति भी लाना होगा। स्कू ल के लिए विद्यार्थियों के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा।
गाइड लाइन के ये मुख्य बिन्दु
- स्कू लों में विद्यार्थियों के आगमन व प्रस्थान का समय अलग-अलग रखा जाएगा, ताकि भीड़ एकत्रित नहीं हो सके।
- विद्यार्थियों की उपस्थिति के लिए अभिभावकों की सहमति जरुरी, उन्हें बच्चों को भेजने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
- स्कू ल में शिक्षक-विद्यार्थी के लिए मास्क जरुरी, बिना मास्क प्रवेश नहीं। शिक्षकों को फेसशील्ड का प्रयोग भी कर सकेंगे। यदि कोई बच्चा मास्क में नहीं आया है तो वह वापस घर नहीं लौटेगा। स्कू लों में मास्क की व्यवस्था रहेगी।
- एक सीट पर एक ही बच्चा बैठेगा। सोश्यल डिस्टेंसिंग की पालना की जाएगी।
- प्रार्थना सभा, सामूहिक खेल, उत्सवों के आयोजन, रैली, सभाओं पर अनिवार्य रुप से रोक रहेगी।
- प्रवेश के लिए पूरा एंट्री गेट खुलेगा।
- कोई भी विद्यार्थी अपना पेन, नोटबुक व किताब दूसरों से साक्षा नहीं करेगा।
- विद्यालय में हाथों को सेनेटाइज, थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था रहेगी।
- क्लास में विद्यार्थी सीट पर ही लंच होगा। कक्षा-अध्यापक का भी उसी समय रहना सुनिश्चित होगा।
- विद्यार्थियों को घर से पानी की बोतल लानी होगी। यदि घर से पानी नहीं लाने पर स्कू ल में स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाया जाएगा।
- कोविड-19 रोकथाम व बचाव के पोस्टर्स विद्यालय में नोटिस बोर्ड और मुख्य द्वार पर लगाए जाएंगे।
- यदि बाल वाहिनी है तो पहले व बाद में पूरी सेनेटाइज होगी। उसके उपयोग व आने-जाने के रुट व विद्यार्थियों का उल्लेख होगा।
- बरामदों को साफ व हवादार रखना होगा।
- स्कू लों को दी जाने वाली कंपोजिट ग्रांट में से 10 प्रतिशत राशि स्वच्छता पर खर्च की जाए।
- स्कू ल के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, शौचालय, पानी की टंकियों को सेनेटाइज किया जाए।
इनका यह कहना
सरकार ने 18 जनवरी से 9वीं से 12वीं तक स्कू ल खोलने के आदेश जारी कर दिए है। सभी पीईईओ को भी गाइड लाइन की पालना करते हुए स्कू लों में व्यवस्था बनाने के आदेश जारी कर दिए है।
- गंगाधर मीणा, डीईओ, माध्यमिक
सावधानी के साथ स्कू ल खोलने के आदेश मिल गए है। स्कू लों में गाइड लाइन की पालना की जाएगी। स्कू लों में शिक्षकों व बच्चों को मास्क में आना जरुरी है। आने वाले बच्चों के लिए अभिभावक की लिखित अनुमति जरुरी होगी।
- सत्यप्रकाश शर्मा, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कू ल एसोसिएशन, कोटा
स्कू ल खोलने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। प्रवेश के समय बच्चों के हाथों को सेनेटाइज किया जाएगा। थर्मल स्क्रीनिंग से टेम्पेरेचर मापा जाएगा। मास्क जरुरी रहेगा। सरकार ने पॉजिटिव आने पर बच्चे के इलाज का खर्चा निजी स्कू लों को उठाने के लिए कहा है। इसका हम विरोध करते है। इलाज का खर्चा सरकार ही उठाएं।
- संजय शर्मा, संयोजक, शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति
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