ये होंगे फीस रिफण्ड के आधार
-विद्यार्थी के परिवार में माता-पिता अथवा निजी संबंधी की मृत्यु हो जाने अथवा गम्भीर रोग से ग्रसित होने जाने पर।
-कोचिंग में अध्ययनरत विद्यार्थी जिस डिग्री में प्रवेश की कोचिंग प्राप्त कर रहा है, उसमें अध्ययन के लिए शिक्षण संस्थान में प्रवेश मिल जाता है।
-विद्यार्थी के परिवार में माता-पिता अथवा निजी संबंधी की मृत्यु हो जाने अथवा गम्भीर रोग से ग्रसित होने जाने पर।
-कोचिंग में अध्ययनरत विद्यार्थी जिस डिग्री में प्रवेश की कोचिंग प्राप्त कर रहा है, उसमें अध्ययन के लिए शिक्षण संस्थान में प्रवेश मिल जाता है।
-विद्यार्थी मानसिक तनाव में आ जाता है तो मेडिकल रिपोर्ट या कोचिंग के साइकोलॉजिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर कोचिंग छोड़ने पर फीस रिफण्ड की जा सकेगी।
-सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से पंजीयन शुल्क अधिकतम 1500 रुपए तक लिया जा सकेगा, जो नॉन रिफेण्डेबल होगा।
-सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से पंजीयन शुल्क अधिकतम 1500 रुपए तक लिया जा सकेगा, जो नॉन रिफेण्डेबल होगा।
इस प्रकार होगी कटौती
-जिला कलक्टर हरिमोहन मीना ने बताया कि यदि विद्यार्थी कोचिंग छोड़ना चाहता है तो उसके कारण के आधार पर कोचिंग में प्रवेश लेने के प्रथम 15 दिवस के अन्दर 15 प्रतिशत की कटौती करने के बाद शेष फीस रिफण्ड की जाएगी। 30 दिवस, 45 दिवस और 60 दिवस के अन्दर कोचिंग छोड़ने पर उतनी प्रतिशत राशि कटौती कर शेष राशि लौटाई जाएगी।
-जिला कलक्टर हरिमोहन मीना ने बताया कि यदि विद्यार्थी कोचिंग छोड़ना चाहता है तो उसके कारण के आधार पर कोचिंग में प्रवेश लेने के प्रथम 15 दिवस के अन्दर 15 प्रतिशत की कटौती करने के बाद शेष फीस रिफण्ड की जाएगी। 30 दिवस, 45 दिवस और 60 दिवस के अन्दर कोचिंग छोड़ने पर उतनी प्रतिशत राशि कटौती कर शेष राशि लौटाई जाएगी।