जानकारी के अनुसार रामगंजमंडी नगर में गर्मी के दिनों में प्रतिदिन दो लाख रुपए की कोल्ड ड्रिक्स बिकती थी अभी दो हजार रुपए की भी नहीं बिक रही। आइसक्रीम का यहां जबरदस्त कारोबार था। प्रतिमाह करीब एक करोड़ की ब्रांडेड आइसक्रीम बिकती थी, लेकिन इन दिनों इसका व्यापार घटकर करीब तीस प्रतिशत पर टिक गया है। मटका कुल्फी, बर्फ की कुल्फी के व्यवसाय पर लॉकडाउन के कारण ब्रेक लगा हुआ है। ऐसे में इस कारोबार से जुड़े लोगों को दूसरा व्यवसाय करना पड़ रहा है।
कोरोना संक्रमण में आइसक्रीम ,कोल्ड ड्रिक्स के साथ शराब ठेकों पर बिकने वाली बीयर की बिक्री के हाल भी सही नहीं हैं। एक शराब ठेकेदार का कहना है कि गर्मी के पीक सीजन में उसके ठेके से दो सौ बीयर प्रतिदिन बिकती थी अभी 20 का आंकड़ा पार नहीं कर पा रही।
कोरोना की सतर्कता है बड़ा कारण
दरअसल कोरोना महामारी के चलते इन ठंडी चीजों का सेवन लोग नहीं कर रहे। कोरोना से बचाव के लिए ठंडे पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है तो वहीं सर्दी,खांसी और जुकाम जैसे कई मरीज प्रतिदिन अस्पताल में आ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सक भी ठंडी चीजों का सेवन न करने की सलाह देते हैं। खपत प्रभावित होने का यह भी सबसे बड़ा कारण है।
आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स का व्यापार करने वाले व्यवसाई बताते हैं कि गत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष व्यापार तीस प्रतिशत भी नहीं बचा है। तीन महीने का करीब सवा करोड़ तक का होने वाला आइस्क्रीम व्यवसाय इस वर्ष तीस प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाया।