कलक्टर साहब… मुझे रास्ता नहीं दिलवा सकते तो इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दो
जनसुनवाई में खेत पर जाने का रास्ता नहीं मिलने से पीडि़त किसान का फूटा दर्द
कलक्टर साहब… मुझे रास्ता नहीं दिलवा सकते तो इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दो
कोटा. राज्य सरकार के निर्देश के बाद गुरुवार को कलक्ट्री में जिला स्तरीय जनसुनवाई हुई। इसमें नगर विकास न्यास, नगर निगम, पुलिस और राजस्व विभाग से जुड़ी समस्याएं सामने आई। बड़ी संख्या में ऐसे आवेदक भी आए जो पिछले सालों में 15 से 20 बार तक जनसुनवाई में आए और हर बार समस्या के निस्तारण का आश्वासन मिला, लेकिन हुआ कुछ नहीं। मवासा के लक्ष्मीनारायण ने पिछले सालों में हुई जनसुनवाई की पर्चियां दिखाते हुए कहा, 20 बार आ चुका हूं, लेकिन मुझे मेरे खेत पर जाने का रास्ता नहीं मिला। मेरी करीब 12 बीघा जमीन दस साल से बंजर पड़ी है। पीड़ा बताते हुए लक्ष्मीनारायण ने लिखित में इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी। लक्ष्मीनारायण ने कहा, रास्ता नहीं दिलवा सकते तो इच्छा मृत्यु की अनुमति ही दे दो। किसान ने कहा, पहले जिला कलक्टर और एसडीएम ने कई आदेश दिए, लेकिन हुआ कुछ नहीं। इस पर कलक्टर ने तत्काल तहसीलदार को वहां बुलाया और कहा, इन्हें खेत पर जाने का रास्ता दिलाने की प्रक्रिया करवाएं। जिस प्रक्रिया से इसका हल हो उस दिशा में कार्य करें। इसके साथ ही प्रशासन गांवों के संग अभियान में राजस्व से जुड़े कार्य के लिए आवेदन करने वाले भी शिविर में आए। उनका कहना था कि शिविर में प्रकरण दर्ज किया गया, लेकिन उनका निस्तारण नहीं किया गया। कनवास उपखंड के खजूरी गांव के राजू गाेयल ने बताया कि कुराड़ में लगाए गए प्रशासन गांव के संग शिविर में उन्होंने रास्ते का प्रकरण दर्ज कराया था, लेकिन उसका निस्तारण नहीं हुआ।
दो साल से जर्जर है सड़क
जिला परिषद सदस्य गीता मेघवाल भी जनसुनवाई में पहुंची। उन्होंने कहा, ग्राम आमोरा से कालारेवा गांव तक तीन किमी सड़क की मरम्मत सार्वजनिक विभाग की ओर से नहीं की जा रही है। उसे गिट्टी डालकर छोड़ दिया है। इससे बारिश में परेशानी होना तय है। वहीं यह भी कहा, ग्राम सेवकों की हड़ताल से भी कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं।