रामगंजमंडी में पानी निकासी का नजारा
रामगंजमंडी में गन्दे पानी की निकासी मारुति नगर और उसके समीपवर्ती कॉलोनियों में भगवान भरोसे है। इन्द्रपस्थ कॉलोनी में भी कुछ ऐसा नजारा है। सुभाष कॉलोनी में रेलवे लाइन के किनारे बनी सड़क के किनारे से पानी होकर निकलता है। नगर के प्रमुख बाजारों में गन्दे पानी की निकासी सही तरीके से होती है लेकिन आगे जाकर यह गन्दा पानी एक जगह एकत्रित होकर मच्छर उत्पादित केंद्र को विकसित करता है। सीमेंट रोड़ गायत्री मन्दिर के यहां से निकलने वाला गन्दा पानी कहां परेशानी खड़ा करता है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सीमेंट रोड़ पर पालिका ने गन्दे पानी की निकासी का नाला बनाया जरूर है लेकिन यह कुदायला खाल तक नहीं मिला। रोसली रोड़, बैरागी कॉलोनी, गुर्जर मोहल्ला सहित जुल्मी रोड़ पर बसी बस्तियों में गन्दे पानी की निकासी की व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है।
अधिशासी अधिकारी सत्यनारायण राठौर का कहना है कि सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कि डीपीआर बनवाई जाएगी। पालिका उपाध्यक्ष रमेश मीणा का कहना है कि गंदे पानी की निकासी उचित प्रबंधन कराने के मामले में प्रयास किए जाएंगे। पालिकाध्यक्ष देवीलाल सैनी ने बताया कि पालिका बोर्ड की होने वाली बैठक में इस मामले में चर्चा की जाएगी।
रामगंजमंडी में गन्दे पानी की निकासी मारुति नगर और उसके समीपवर्ती कॉलोनियों में भगवान भरोसे है। इन्द्रपस्थ कॉलोनी में भी कुछ ऐसा नजारा है। सुभाष कॉलोनी में रेलवे लाइन के किनारे बनी सड़क के किनारे से पानी होकर निकलता है। नगर के प्रमुख बाजारों में गन्दे पानी की निकासी सही तरीके से होती है लेकिन आगे जाकर यह गन्दा पानी एक जगह एकत्रित होकर मच्छर उत्पादित केंद्र को विकसित करता है। सीमेंट रोड़ गायत्री मन्दिर के यहां से निकलने वाला गन्दा पानी कहां परेशानी खड़ा करता है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सीमेंट रोड़ पर पालिका ने गन्दे पानी की निकासी का नाला बनाया जरूर है लेकिन यह कुदायला खाल तक नहीं मिला। रोसली रोड़, बैरागी कॉलोनी, गुर्जर मोहल्ला सहित जुल्मी रोड़ पर बसी बस्तियों में गन्दे पानी की निकासी की व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है।
अधिशासी अधिकारी सत्यनारायण राठौर का कहना है कि सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कि डीपीआर बनवाई जाएगी। पालिका उपाध्यक्ष रमेश मीणा का कहना है कि गंदे पानी की निकासी उचित प्रबंधन कराने के मामले में प्रयास किए जाएंगे। पालिकाध्यक्ष देवीलाल सैनी ने बताया कि पालिका बोर्ड की होने वाली बैठक में इस मामले में चर्चा की जाएगी।
क्या होना चाहिए
रामगंजमंडी नगर में गन्दे पानी की निकासी खाली पड़े भूखण्डों की तरफ सरपट नही दौड़े इसके बारे में अब जनप्रतिनिधियों को चिंतन करके पालिका से सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है। वर्ष 2010 में यह प्लांट पालिका की तरफ से बना जरूर, राज्य सरकार से यह मंजूर भी हुआ पर केंद्र में जाकर अटक गया। उस समय आबादी के ग्राफ का पैमाना एक लाख आबादी तक था। सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान लागू होने के बाद इसमें कई परिवर्तन हुए है। मापदंड भी बदल चुके है। वर्तमान में नगर की आबादी 50 हजार से ज़्यादा है। ऐसे में सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की दो यूनिट यहां दो हिस्सों में बंटे शहर में निरंन्तर आबादी के बढ़ते ग्राफ के हिसाब से पर्याप्त है। देखना यह है कि निर्वाचित बोर्ड व उसके सदस्य इस मामले में अब कितना प्रयास कर पाते हैं।
रामगंजमंडी नगर में गन्दे पानी की निकासी खाली पड़े भूखण्डों की तरफ सरपट नही दौड़े इसके बारे में अब जनप्रतिनिधियों को चिंतन करके पालिका से सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है। वर्ष 2010 में यह प्लांट पालिका की तरफ से बना जरूर, राज्य सरकार से यह मंजूर भी हुआ पर केंद्र में जाकर अटक गया। उस समय आबादी के ग्राफ का पैमाना एक लाख आबादी तक था। सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान लागू होने के बाद इसमें कई परिवर्तन हुए है। मापदंड भी बदल चुके है। वर्तमान में नगर की आबादी 50 हजार से ज़्यादा है। ऐसे में सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की दो यूनिट यहां दो हिस्सों में बंटे शहर में निरंन्तर आबादी के बढ़ते ग्राफ के हिसाब से पर्याप्त है। देखना यह है कि निर्वाचित बोर्ड व उसके सदस्य इस मामले में अब कितना प्रयास कर पाते हैं।