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कृषि भूमि पर कॉलोनियां, खाली प्लाटों में दौड़ रहा पानी

locationकोटाPublished: Dec 31, 2020 12:15:57 am

Submitted by:

Anil Sharma

कब लगेगा सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट…..

ramganjmandi, kota

रामगंजमंडी. एक कॉलोनी में खाली प्लाट में भरा गंदा पानी।

रामगंजमंडी. नगर में गंदे व बरसाती पानी के रास्तों में आने वाले अवरोध के कारण समुचित रूप से गंदे पानी की निकासी का राज्य सरकार की ओर से पालिका के जरिए सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की डीपीआर नहीं बनाई जा रही है। गंदे पानी के निस्तारण के प्रति निर्वाचित पार्षदों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने सोच बनाकर कार्य नहीं किया तो यह समस्या बड़े पैमाने पर पालिका के लिए चुनौती बन जाएगी।
रामगंजमंडी में पालिका की स्थापना सन 1951 में हुई थी। वर्ष 2000 तक आबादी का घनत्व प्रमुख बाजारों, कॉलोनियों तक सीमित रहा। वर्ष 2000 से 2020 के अंतराल में लाइम स्टोन से मिलने वाले रोजगार ने आबादी का घनत्व बढ़ाना प्रारंभ किया तो कृषि भूमि पर कटी हुई कुछ कॉलोनियों में प्लाटों की बुकिंग के साथ निर्माण कार्य में बढ़ोतरी का ऐसा सिलसिला चल पड़ा जो लॉकडाउन के पहले तक पूरी तरह परवान पर चढ़ता रहा। वर्तमान में कृषि भूमि पर विकसित कॉलोनियों की गणना की जाए तो यह दर्जनों में बिक चुकी है तो कई बिकने के कगार में सौदेबाजी तक पहुंची हुई है। कॉलोनी में गंदे पानी का निस्तारण किस तरह से होगा इसके बारे में चिंतन करने की फुर्सत किसी को नही होने से गन्दे पानी का भराव खाली प्लाटों पर सरपट दौड़कर आसपास रहने वाले परिवारों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। ऐसी कॉलोनियों में कन्वर्ट कॉलोनी भी शामिल है जहां पालिका गन्दे पानी की निकासी का कोई हल तक नही खोज पाई है। ऐसी कॉलोनी में सड़के बन चुकी है, नालियां यहां नजर आती है लेकिन उसमें पानी का भराव कभी समाप्त नहीं होता। इन कॉलोनियों का पानी किस स्थान पर पूरी तरह से निस्तारित होगा इसके बारे में पालिका की तरफ से कभी प्रयास ही नहीं हुए। ज्यादा समस्या उभरी तो नाले को थोड़ी दूर आगे बढ़ा दिया गया। आगे उस नाले का पानी कहां जाएगा इसके बारे में कभी चिंतन तक नहीं हुआ।
रामगंजमंडी में पानी निकासी का नजारा
रामगंजमंडी में गन्दे पानी की निकासी मारुति नगर और उसके समीपवर्ती कॉलोनियों में भगवान भरोसे है। इन्द्रपस्थ कॉलोनी में भी कुछ ऐसा नजारा है। सुभाष कॉलोनी में रेलवे लाइन के किनारे बनी सड़क के किनारे से पानी होकर निकलता है। नगर के प्रमुख बाजारों में गन्दे पानी की निकासी सही तरीके से होती है लेकिन आगे जाकर यह गन्दा पानी एक जगह एकत्रित होकर मच्छर उत्पादित केंद्र को विकसित करता है। सीमेंट रोड़ गायत्री मन्दिर के यहां से निकलने वाला गन्दा पानी कहां परेशानी खड़ा करता है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सीमेंट रोड़ पर पालिका ने गन्दे पानी की निकासी का नाला बनाया जरूर है लेकिन यह कुदायला खाल तक नहीं मिला। रोसली रोड़, बैरागी कॉलोनी, गुर्जर मोहल्ला सहित जुल्मी रोड़ पर बसी बस्तियों में गन्दे पानी की निकासी की व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है।
अधिशासी अधिकारी सत्यनारायण राठौर का कहना है कि सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कि डीपीआर बनवाई जाएगी। पालिका उपाध्यक्ष रमेश मीणा का कहना है कि गंदे पानी की निकासी उचित प्रबंधन कराने के मामले में प्रयास किए जाएंगे। पालिकाध्यक्ष देवीलाल सैनी ने बताया कि पालिका बोर्ड की होने वाली बैठक में इस मामले में चर्चा की जाएगी।
क्या होना चाहिए
रामगंजमंडी नगर में गन्दे पानी की निकासी खाली पड़े भूखण्डों की तरफ सरपट नही दौड़े इसके बारे में अब जनप्रतिनिधियों को चिंतन करके पालिका से सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है। वर्ष 2010 में यह प्लांट पालिका की तरफ से बना जरूर, राज्य सरकार से यह मंजूर भी हुआ पर केंद्र में जाकर अटक गया। उस समय आबादी के ग्राफ का पैमाना एक लाख आबादी तक था। सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान लागू होने के बाद इसमें कई परिवर्तन हुए है। मापदंड भी बदल चुके है। वर्तमान में नगर की आबादी 50 हजार से ज़्यादा है। ऐसे में सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की दो यूनिट यहां दो हिस्सों में बंटे शहर में निरंन्तर आबादी के बढ़ते ग्राफ के हिसाब से पर्याप्त है। देखना यह है कि निर्वाचित बोर्ड व उसके सदस्य इस मामले में अब कितना प्रयास कर पाते हैं।

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