Condition of government schools
रावतभाटा. बारिश (rain) के मौसम ने 30 से 40 साल पुराने 50 से ज्यादा सरकारी स्कूलों ( government schools) की सेहत और भी ज्यादा बिगाड़ दी है। हालात यह है कि हल्की बारिश होते ही स्कूलों की छते टपकने लगी है। दीवारों व छत्ते से प्लास्टर गिरता है। ऐसे में कई स्कूलों में छात्र छात्राएं कक्षा कक्षों में बैठने से तक डरते हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों की मरम्मत को लेकर उच्चाधिकारियों से बजट मागा गया है लेकिन उसकी स्वीकृति अब तक नहीं आई है।
उपखंड में 174 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से कई स्कूलों के भवन ज्यादा पुराने हैं। इन भवनों का निर्माण करीब 30 से 40 साल पहले हुआ था। भवनों के खिड़की दरवाजे टूटने लगे। दीवारों से प्लास्टर गिरने लगा था। इसको लेकर विभाग की ओर से या स्कूल प्रशासन की ओर से किसी न किसी मद से स्कूल की मरम्मत कराके काम चलाया जा रहा था। कई स्कूलों में जनसहयोग से भी मरम्मत कराई गई लेकिन इस वर्ष लगातार करीब दो माह लगातार बारिश हुई। ऐसे में पुराने स्कूलों की स्थिति और भी ज्यादा दयनीय हो गई। हालात यह है कि हल्की बारिश से ही स्कूल की छत से पानी टपकने लगी। दीवारों व छत से प्लास्टर गिरना शुरू हो गया। स्कूलों में फर्श तक बैठ गए, जिससे हमेशा जहरीले जानवर निकलने का खतरा बना रहता है। दीवारों व छतों पर सीलन आ गई। कुछ स्कूलों में पंखे व बिजली के उपकरण तक जल गए। कई स्कूलों में शौचालय तक टूट चुके हैं। कहने को स्कूल में खेल मैदान है लेकिन खेल मैदान खेलने के लायक नहीं है। यहां पर बड़े-बड़े गड्डे हैं। स्कूल की चार दीवारी भी टूट चुकी है, जिससे पशु स्कूल परिसर के अन्दर तक घूस आते हैं।
इन स्कूलों की स्थिति ज्यादा दयनीय
लगातार बारिश से उपखंड के 5 स्कूलों की स्थिति दयनीय हो गई है। ग्राम पंचायत राजपुरा में प्राथमिक विद्यालय भैरूजी का माल, प्राथमिक विद्यालय सादड़ा, भरखेड़ा ग्राम पंचायत में प्राथमिक स्कूल फुटपाल, प्राथमिक स्कूल अम्बा व राजपुरा ग्राम पंचायत में उच्च प्राथमिक विद्यालय आगरा का भवन क्षतिग्रस्त हो गया है। हालात यह है कि उक्त स्कूलों भी दीवारें व कमरे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। स्कूलों में छत का प्लास्टर गिरने के डर से बच्चे बैठना तक पसंद नहीं करते हैं। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों की ओर से 3-3 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
सवा से डेढ लाख का प्रस्ताव भेज रखा है
ब्लॉक प्रारंभिक मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि उपखंड में 47 स्कूल ऐसे हैं, जिनकी छतों व दीवारों की मरम्मत की आवश्यकता है। खिड़की व दरवाजों की टूटफूट सही करानी है। विभाग की ओर से प्रत्येक स्कूल की मरम्मत को लेकर बीकानेर निदेशालय प्रस्ताव भेज रखा है। प्रत्येक स्कूल का करीब सवा से डेढ लाख रुपए का प्रस्ताव भेज रखा है लेकिन प्रस्ताव भेेजे हुए एक साल से ज्यादा समय हो गया है लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिली है।
वर्जन
बारिश से पुराने स्कूलों की स्थिति दयनीय हो गई। स्कूलों की छत से पानी टपकने लगा। दीवारों से प्लाास्टर गिरने लगा। इसका प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज रखा है। स्वीकृति मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
पन्नालाल बैरवा, ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी, रावतभाटा