देवलीमांझी क्षेत्र के सहेंदड़ी गांव निवासी कांस्टेबल गिरिश मेहरा साथियों के साथ किसी परिजन से मिलने नांगलहेड़ी गांव जा रहे थे। इसी दौरान राजगढ़ और अडूसा गांव के बीच सामने से तेज गति से आ रही एक बाइक को बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित होकर सड़क से उतरकर पलट गई।
मौके से गुजर रहे राहगीरों ने घायलों को कार से बाहर निकाला और 108 एम्बुलेंस से कोटा एमबीएस चिकित्सालय पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद गिरिश को मृत घोषित कर दिया, वहीं कार सवार चार अन्य युवकों का इलाज जारी है।
मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी
घटना के बाद सांगोद पुलिस उपाधीक्षक रामेश्वर परिहार व थानाधिकारी जयराम जाट ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का मुआयना किया। बाद में हादसे में मृतक गिरीश मेहरा के पैतृक गांव में अंतिम संस्कार में शामिल हुए। अंतिम संस्कार से पूर्व पुलिस जवानों ने कांस्टेबल मेहरा को सम्मान दिया गया। जैसे ही शव घर पहुंचा परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
घटना के बाद सांगोद पुलिस उपाधीक्षक रामेश्वर परिहार व थानाधिकारी जयराम जाट ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का मुआयना किया। बाद में हादसे में मृतक गिरीश मेहरा के पैतृक गांव में अंतिम संस्कार में शामिल हुए। अंतिम संस्कार से पूर्व पुलिस जवानों ने कांस्टेबल मेहरा को सम्मान दिया गया। जैसे ही शव घर पहुंचा परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
मां बीमार थी, मिलने गया था कांस्टेबल गिरीश की मां का स्वास्थ्य कई दिनों से खराब है। इस कारण सोमवार को अवकाश लेकर बीमार मां से मिलने गांव गया था। मां से मिलने के बाद कार से नांगलहेड़ी किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए रवाना हो गए। कांस्टेबल गिरीश की मौत की सूचना शहर पुलिस लाइन में पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस लाइन कोटा शहर के प्रभारी रामसिंह मीणा ने बताया कि गिरीश बहुत ही मिलनसार और कार्य की प्रति बहुत की दृढ़निश्चय था।
पुलिस लाइन में होने वाली हर गतिविधियों में उत्साह से भाग लेता था और क्रिकेट हो या अन्य खेल हमेशा आगे रहता था। सेवा कार्य में भी काफी रुचि थी। मार्च 2020 से शहर पुलिस लाइन में कार्यरत थे। 23 अगस्त 2011 को पुलिस में भर्ती हुए थे। गिरीश की शादी दो साल पहले ही हुई थी। एक बालिका है, जिसके सिर से हमेशा के लिए पिता का हाथ उठ गया है।