मुख्य वक्ता नई दिल्ली के आईएचबीएस निदेशक डॉ. आरके धमीजा ने कहा कि डॉक्टर को मरीज की बीमारी के अलावा उसकी मनोस्थिति देखकर भी इलाज करना चाहिए। आप चाहे प्रेक्टिस से या प्रोफेशनल रूप से कितना भी यश कमा लें, लेकिन अंदर की भावना संतुष्ट नहीं होगी, इसलिए आपके पास स्किल है। भगवान ने एक क्षमता दी है, आप किसी की मदद कर सकते हैं। दूसरे के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकते है। साल में दो-चार बार दूरदराज गांवों में जाकर ऐसे लोगों का इलाज व मदद करें जो बड़े अस्पतालों में नहीं पहुंच सकते है। इससे मन में संतुष्टि मिलेगी। समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर के कुलपति प्रो. सुधीर भंडारी ने कहा कि किसी भी मरीज का हम मन से इलाज करते हैं तो उसके स्वस्थ्य होने पर मरीज के चेहरे पर जो मुस्कुराहट मिलती है, उससे खुशी मिलती है। कॉलेजों में ह्यूमन वेल्यू का कोर्स भी शामिल होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि जयपुर राजस्थान स्वास्थ्य विवि के डीन ऑफ मेडिसिन डॉ. वीर बहादुर सिंह ने कहा कि राजस्थान में मेडिकल चिकित्सा काफी बेहतर हो चुकी है। सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य तक मजबूत किए है। कोरोना की शुरुआत में जहां पहले जीरो टेस्टिंग थी। वह अब क्षमता 50 हजार टेस्ट तक पहुंच चुकी है। आगामी दिनों में राजमेस से अब चितौड़, सिरोही, गंगानगर, धौलपुर चार जिलों के मेडिकल कॉलेज जुड़ेंगे।
मुख्य वक्ता नई दिल्ली के आईएचबीएस निदेशक डॉ. आरके धमीजा ने कहा कि डॉक्टर को मरीज की बीमारी के अलावा उसकी मनोस्थिति देखकर भी इलाज करना चाहिए। आप चाहे प्रेक्टिस से या प्रोफेशनल रूप से कितना भी यश कमा लें, लेकिन अंदर की भावना संतुष्ट नहीं होगी, इसलिए आपके पास स्किल है। भगवान ने एक क्षमता दी है, आप किसी की मदद कर सकते हैं। दूसरे के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकते है। साल में दो-चार बार दूरदराज गांवों में जाकर ऐसे लोगों का इलाज व मदद करें जो बड़े अस्पतालों में नहीं पहुंच सकते है। इससे मन में संतुष्टि मिलेगी। समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर के कुलपति प्रो. सुधीर भंडारी ने कहा कि किसी भी मरीज का हम मन से इलाज करते हैं तो उसके स्वस्थ्य होने पर मरीज के चेहरे पर जो मुस्कुराहट मिलती है, उससे खुशी मिलती है। कॉलेजों में ह्यूमन वेल्यू का कोर्स भी शामिल होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि जयपुर राजस्थान स्वास्थ्य विवि के डीन ऑफ मेडिसिन डॉ. वीर बहादुर सिंह ने कहा कि राजस्थान में मेडिकल चिकित्सा काफी बेहतर हो चुकी है। सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य तक मजबूत किए है। कोरोना की शुरुआत में जहां पहले जीरो टेस्टिंग थी। वह अब क्षमता 50 हजार टेस्ट तक पहुंच चुकी है। आगामी दिनों में राजमेस से अब चितौड़, सिरोही, गंगानगर, धौलपुर चार जिलों के मेडिकल कॉलेज जुड़ेंगे।