सहकारिता विभाग की ओर से हाल ही प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों व सहकारी संस्थाओं के कामकाज की समीक्षा की है। इसमें केन्द्रीय सहकारी (सीसीबी) बैंकों के खरीफ में किसानों को बांटे गए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के ऋण वितरण की समीक्षा की तो सामने आया कि प्रदेश के सभी बैंकों ने खरीफ में लक्ष्य से काफी कम ऋण बांटे हैं। सरकार ने खरीफ ऋण वितरण की स्थिति सभी खण्डों में संतोषजनक नहीं मानी।
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स्थिति यह है कि सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का गृह जिला चित्तौडगढ़़ भी खरीफ ऋण वितरण में फिसड्डी रहा है। लक्ष्य के आधे भी ऋण नहीं बांट पाए। गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने आते ही किसानों के बकाया दो-दो लाख रुपए के कर्ज माफ कर दिए थे। इसके बाद केन्द्रीय सहकारी बैंकों को कर्ज माफी की राशि का पर्नभरण नहीं करने के कारण खरीफ ऋण वितरण में भी देरी हुई थी और भाजपा ने इसे राजनीतिक मुद्दा भी बनाया था और प्रदेशभर में धरने भी दिए थे।
स्थिति यह है कि सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का गृह जिला चित्तौडगढ़़ भी खरीफ ऋण वितरण में फिसड्डी रहा है। लक्ष्य के आधे भी ऋण नहीं बांट पाए। गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने आते ही किसानों के बकाया दो-दो लाख रुपए के कर्ज माफ कर दिए थे। इसके बाद केन्द्रीय सहकारी बैंकों को कर्ज माफी की राशि का पर्नभरण नहीं करने के कारण खरीफ ऋण वितरण में भी देरी हुई थी और भाजपा ने इसे राजनीतिक मुद्दा भी बनाया था और प्रदेशभर में धरने भी दिए थे।
कोटा केन्द्रीय सहकारी बैंक ने 52 हजार 755 सदस्यों को 154.60 करोड़ का खरीफ में ऋण वितरित किया है।
बलविन्दरसिंह गिल, प्रबंध निदेशक कोटा केन्द्रीय सहकारी बैंक सीबी लक्ष्य ऋण
वितरण
कोटा 38000 14919.43
भरतपुर 28000 8832.50
पाली 50000 7521.81
झुंझुनंू 30000 90000
हनुमानगढ़ 51000 12372.23
जालौर 45000 10869
बलविन्दरसिंह गिल, प्रबंध निदेशक कोटा केन्द्रीय सहकारी बैंक सीबी लक्ष्य ऋण
वितरण
कोटा 38000 14919.43
भरतपुर 28000 8832.50
पाली 50000 7521.81
झुंझुनंू 30000 90000
हनुमानगढ़ 51000 12372.23
जालौर 45000 10869