
थोक फल-सब्जी मंडी में 26 से 31 मार्च तक लॉक डाउन
कोटा। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोटा में लॉक डाउन के दूसरे दिन मंगलवार को बिना कारण सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त हो गई और ऐसे लोग जहां भी मिले, उन्हें बीच रास्ते से ही लौटा दिया गया है। पुलिस की सख्ती का असर यह रहा कि समूचे शहर में दिनभर सन्नाटा छाया रहा है। केवल आवश्यक वस्तु से जुड़ी दुकानें ही खुली रही, लेकिन इन पर भी ग्राहकों की संख्या नगण्य रही। राज्य सरकार ने मंगलवार से बाइक और कार से घर से बाहर निकलने वाले लोगों पर बंदिश लगा दी थी, इसके बावजूद शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में कुछेक जगहों पर लोग इधर-उधर जाते दिखे, इसके बाद पुलिस ने सख्त रवैया दिखाना शुरू कर दिया है। सड़कों पर घूमने वाले वाहन चालकों की धरपकड़ शुरू कर दी। सुबह 10 बजे बाद तो पुलिस ने लोगों को निकलने ही नहीं दिया। इस कारण कई जगह लोगों की पुलिस के साथ तीखी बहस भी नहीं, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और वापस लौटा। लॉक डाउन के दौरान समाजसेवा करने वाले लोगों के पास जारी किए गए हैं, इसके आधार पर ही लोगों को आने -जाने दिया गया है। कोटा शहर की सीमाएं भी पुलिस ने सील कर दी गई। बाहर लोगों को अकारण कोटा में प्रवेश नहीं करने दिया गया
थोक फल-सब्जी मंडी 26 31 तक बंद रहेगी
कोरोना वायरस के संक्रमण के बढते खतरे के मद्देनजर थोक फल-सब्जी मंडी में भी 26 से 31 मार्च तक लॉक डाउन करने का निर्णय किया गया है। मंडी में सुबह सब्जियां खरीदने और बेचने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। भीड़ के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मंडी समिति के अध्यक्ष ओम मालव, सचिव हेमलता मीणा, व्यापारिक प्रतिनिधि कमल रोहिड़ा, संतोष मेहता, अशोक बाटवानी, निरंजन मण्डावत रमेश छोटवानी ने संयुक्त बैठक कर मंडी बंद का निर्णय कया है।
Published on:
24 Mar 2020 06:23 pm
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